कर्मचारियों पर हुआ अन्याय दूर करने धरना आंदोलन, मुख्यमंत्री को भिजवाया ज्ञापन

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    गड़चिरोली. शिक्षा क्षेत्र में प्राध्यापक, शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भुमिका महत्वपूर्ण है. लेकिन इन कर्मचारियों पर निरंतर अन्याय हो रहा है. जिससे कर्मचारियों पर हो रहे अन्याय को दूर करने की मांग को लेकर मंगलवार को राष्ट्रिय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ ने जिलाधिश कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया. वहीं जिलाधिश के माध्यम से अपनी विभिन्न मांगों का ज्ञापन राज्य के मुख्यमंत्री को भिजवाया है.

     आंदोलनकर्ताओं ने कहा कि, राष्ट्र निर्माण करने में तथा छात्रों को तैयार करने में शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भुमिका काफी महत्वपूर्ण होती है. मात्र शिक्षा क्षेत्र का निजिकरण करने का प्रयास शुरू होने से बदलते शिक्षा निति के चलते शिक्षकों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

    कर्मचारियों की मांगों में नई शिक्षा निति 2020 यह निजिकरण, बाजारीकरण और व्यापारीकरण को प्रोत्साहित इससे बहुजन समाज को शिक्षा से वंचित रखने का प्रयास होगा. जिससे किसी भी हालत में इस तरह की शिक्षा निति महाराष्ट्र राज्य में लागु न करने, सरकार द्वारा सरकारी क्षेत्र, निमसरकारी व सार्वजनिक उद्योग क्षेत्र में सभी प्रकार के उपक्रम और सर्व स्तर के शिक्षा क्षेत्र का निजिकरण करने की निति के चलते सरकारी नौकरी खत्म होगी और ठेका नौकर भर्ती पध्दती व शोषण निर्माण करनेवाली व्यवस्था निर्माण की जा रही है.

    जिससे सभी स्तर के निजिकरण का आंदोलनकर्ताओं ने विरोध किया है. इसके अलावा विभिन्न मांगों का समावेश है. निजिकरण को तत्काल रोकने की मांग इस समय की गई. आंदोलन में डा. संजय धाबर्डे, प्रा. सुचिता खोब्रागड़े, प्रा. गोरखनाथ वेताल समेत बड़ी संख्या में संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे.