लौटती बारिश से इस वर्ष रब्बी सीजन में विलंब! इस बार रब्बी के लिए 49 हजार हेक्टेयर क्षेत्र प्रस्तावित

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    • सर्वाधिक 9 हजार हेक्टेयर पर लाख बुआई का नियोजन

    गड़चिरोली. इस वर्ष धुआंधार बारिश के कारण जिले में रब्बी सीजन के लिए 49 हजार 124 हेक्टेयर पर रब्बी फसले लेने का प्रस्तावित किया गया है. इसमें सर्वाधिक क्षेत्र पर लाख फसलों की बुआईका नियोजन है. 9 हजार हेक्टेयर क्षेत्र पर लाख का उत्पादन लिया जानेवाला है. उसके पश्चात मका इस फसलों का नियोजन 4998 हेक्टेयर क्षेत्र पर है.

    बतां दे कि, अक्टूंबर माह के अंतिम चरण में रब्बी सीजन की शुरूआत देखने को मिलती है. किंतु इस वर्ष की स्थिती बारिश के कारण बदल गई है. जिस कारण अक्टूंबर माह के अंत में शुरू होनेवाला रब्बी सीजन में इस वर्ष विलंब देखने को मिल रहा है. जिले में रब्बी सीजन में गेहू, चना, करडई, जवस, पोपट, उलद, मूंग, मक्का, लाख इसके साथ अन्य फसलों की बुआई की जाती है. इस दौरान कृषि विभाग ने अब रब्बी सीजन का नियोजन शुरू किया है.

    रब्बी सीजन में किसान वातावरण व पानी के उपलब्धता के तहत फसलों की बुआई करते है. किंतु इस वर्ष बारिश का दौर अब भी जारी होने से मुंगफल्ली, तेलवर्गीय करडई समेत अन्य फसलों का क्षेत्र घटने की संभावना है. लौटती बारिश का दौर अब भी जिले में कायम होने से अबतक किसानों ने आवश्यक मात्रा में मुंगफल्ली की बुआई नहीं की. वहीं प्रतिवर्ष के भांती इस वर्ष भी जिले के किसानों ने लाख फसल पर विश्वास दिखाया है. जिस कारण लाख की बुआई बढ़ने की संभावना व्यक्त हो रही है. 

    चामोर्शी तहसील में सर्वाधिक बुआई 

    जिले के चामोर्शी तहसील में सर्वाधिक 8254 हेक्टेयर क्षेत्र पर रब्बी के फसलों की बुआई का नियोजन है. वहीं एटापल्ली तहसील में सबसे कम 813 हेक्टेयर पर बुआई होनेवाली है. गड़चिरोली तहसील 5414 हेक्टेयर, कुरखेडा 4676 हे., आरमोरी 8107 हे., चामोर्शी 8254 हे., सिरोंचा 2366 हे., अहेरी 2948 हे., धानोरा 4610 हे., कोरची 1112 हे., देसाईगंज 7237 हे., मुलचेरा 2746 हे., तथा भामरागड तहसील में 840 हेक्टेयर क्षेत्र ऐसा जिले में कुल 49 हजार 124 हेक्टेयर क्षेत्र पर रब्बी फसलों का नियोजन प्रस्तावित किया गया है.  

    फसल निहाय प्रस्तावित क्षेत्र 

    जिले में रब्बी सीजन में ज्वारी, गेहू, मक्का, चना, लाख आदि फसलों के साथ ही तेलवर्गीय फसलों की भी बुआई की जाती है. वर्ष के रब्बी सीजन में लाख का सर्वाधिक 9 हजार हेक्टेयर पर बुआई प्रस्तावित है. इसके बाद चना फसल का 7413 हेक्टेयर क्षेत्र पर नियोजन किया गया. ज्वारी 2300 हे., गेहू 695 हे., करडई 1996 हे., जवस 1703 हे., मका 4998 हे. तथा तील की बुआई 508 हेक्टेयर पर प्रस्तावित है.