Resentment persists among workers for old pension, hunger strike continues on fourth day as no solution is found

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गड़चिरोली. पुरानी पेंशन योजना लागु करने की मुख्य मांग समेत अन्य मांगों को लेकर सरकारी अधिकारी, कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ हड़ताल का हथियार उठाया है. 14 मार्च से शुरू हुए हड़ताल के  चौथे दिन भी सरकार स्तर पर कोई हल नहीं निकालने जाने से चौथे दिन में कर्मचारियों का हड़ताल जारी था.

विशेषत: गुरूवार को गड़चिरोली जिले में हजारों कर्मचारियों ने विशाल मोर्चा भी निकाला था. शुक्रवार को भी कर्मचारियों का हड़ताल शुरू होने के कारण जिले में सभी विभागों की सेवाएं पुरी तरह प्रभावित हो गयी है. जिसका खामिजाया जिले के नागरिकों समेत स्कूली छात्रों को भी भुगतना पड़ रहा है. पुरानी पेंशन की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी अधिक आक्रमक होते दिखाई दे रहे है.

पिछले चार दिनों से राज्य समेत जिले में करीब 40 हजार से अधिक अधिकारी, कर्मचारियों ने इस हड़ताल में हिस्सा लिया है. जिला मुख्यालय समेत तहसीलस्तर पर भी कर्मचारी पिछले चार दिनो सें हड़ताल पर होने से सरकारी कामकाज पुरी तरह प्रभावित हो गये है. जिसका खामिजाया आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन दुसरी ओर हड़ताल तीव्र करने का निर्णय आंदोलनकर्ताओं द्वारा लिया गया है.  

काम नहीं तो वेतन नहीं

हड़ताल में शामिल हुए कर्मचारियों को नोटिस भिजवायी जाए, ऐसा आदेश प्रशासन द्वारा विभागप्रमुखों को दिया गया है. इस आदेश नुसार बेमियादी हड़ताल में शामिल होना यह बात गैरवर्तनूक समझा जाएगा. संबंधित कर्मचारी पर शिस्तभंग की कार्रवाई की जाएगी. हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को केंद्र सरकार की निति नुसार काम नहीं तो वेतन नहीं यह पध्दती अमल में लाई जाएगी. वहीं हड़ताल में शामिल होनेवालों की सेवा समाप्ती भी हो सकती है. ऐसी बात भी आदेश में कही जाने की जानकारी मिली है. 

मेस्मा कार्रवाई के  आदेश के बाद भी हड़ताल जारी

पिछले चार दिनों से राज्य समेत जिले में सरकारी कर्मचारियों ने बेमियादी हड़ताल शुरू किया है. इस दौरान सरकार ने कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से चर्चा करने का प्रयास किया. लेकिन ठोस निर्णय के अभाव में कर्मचारियों ने हड़ताल पिछे नहीं लिया. वहीं दुसरी ओर सरकार ने आंदोलन करनेवाले कर्मचारियों पर मेस्मा कानून अंतर्गत कार्रवाई का आदेश देकर आंदोलनकर्ता कर्मचारियों में भय का वातावरण निर्माण करने का प्रयास किया. लेकिन ऐसी स्थिति में भी कर्मचारी आंदोलन पर कायम होकर उक्त आंदोलन और कितने दिन कायम रहेगा, इस ओर राज्य समेत जिले के नागरिकों की नजरे टिकी हुई है.

छात्रों का हो रहा शैक्षणिक नुकसान

राज्यव्यापी बेमियादी हड़ताल में शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया है. वर्तमान स्थिति में शालेय परिक्षा कालावधि शुरू होते हुए भी पिछले चार दिनंो से शिक्षक बेमियादी हड़ताल पर जाने से शिक्षा का कार्य प्रभावित हो गया है. जिसका खामियाजा छात्रों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है. जिससे अभिभावक और छात्रों में तीव्र नाराजगी दिखाई दे रही है. वहीं सरकार तत्काल हल निकाले ऐसी मांग भी की जा रही है.