सैकड़ों गांवों में पहुंचने के लिये नहीं बनी सड़के, स्वास्थ्य सेवा मिलना हुआ दुश्वार

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    गड़चिरोली. भले ही सरकार ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र के गांवों को सड़कों से जोडऩे के लिये प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना चला रही है. लेकिन दुसरी ओर राज्य के आखरी छोर पर बसे आदिवासी बहुल, नक्सल प्रभावित और अतिपिछड़े गड़चिरोली जिले के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र में बसे सैकडों गांवों तक पहुंचने के लिये अब तक पक्की सड़के नहीं बन पायी है.

    जिसका खामियाजा आज भी इन क्षेत्र के नागरिकों को समय पर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रही है. अनेक बार उपचार के अभाव में लोगों को अपनी जान भी गवाई पड़ रही है. जिससे ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र के नागरिकों को समय पर स्वास्थ्य सेवा का लाभ देने के लिये सड़क और नदी, नालों पर पुलियाओं का निर्माण करने की मांग जिले के नागरिकों द्वारा की जा रही है. 

    दो विभागों में बंटा है स्वास्थ्य विभाग

    गड़चिरोली जिले में स्वास्थ्य विभाग दो हिस्सों में बंटा है. इनमें दक्षिण और उत्तर विभाग का समावेश होकर इन दोनों क्षेत्र के कुल 129 गांवों में जाने के लिये अब तक सड़क ही नहीं बनाई गयी है. जिससे दुर्गम क्षेत्र के गांवों के नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ कैसे मिलेगा? ऐसा सवाल उपस्थित किया जा रहा है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग में डाक्टर समेत स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद रिक्त पड़े होने के कारण जिले में स्वास्थ्य सेवा संबंधि समस्या गंभीर हो गयी है. जिला प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर तत्काल डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों के रिक्त पद भरने की मांग की जा रही है. 

    गांव पुजारी से करवा रहे उपचार 

    एक तरफ सड़कों नहीं होने और दुसरी तरफ  स्वास्थ्य विभाग में डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद रिक्त होने के कारण ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र के नागरिकों को समय पर उपचार नहीं मिल रहा है. जिसके कारण इन क्षेत्र के लोगों को मजबूरन गांव पुजारी के पास जाकर उपचार करवाना पड़ रहा है. ऐसे में अब तक अनेक लोगों की  गलत उपचार के चलते मृत्यु हो गयी है. ऐसे में स्वस्थ्य विभाग ग्रामीणों में जनजागृति करने के साथ ही स्वास्थ्य कर्मचारियों के रिक्त पद भरकर दर्जेदार स्वास्थ्य सेवा देने की मांग भी नागरिकों द्वारा की जा रही है.