वनकर्मीयों पर तस्करों ने किया पथरांव; हवा में फायर करते ही, भाग खड़े हुए सागौन तस्कर

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सिरोंचा. घने अंधरे का लाभ उठाकर देररात के दौरान सागौन की तस्करी करनेवाले तस्करों ने गश्त कर रहे वनकर्मीयों के दस्ते पर पथराव किया. जिसके जवाब में वनकर्मीयों ने हवा में गोलिया चलाई. जिसके चलते तस्कर घटनास्थल से भाग खडे हुए. उक्त वारदात शुक्रवार 24 मार्च को रात 1 बजे के दौरान सिरोंचा तहसील के चिटुर से दुब्बापल्ली के जंगल परिसर में घटी. 

वनव्याप्त गड़चिरोली जिले का सिरोंचा वनविभाग उच्चदर्जे के सागौन के लिए जाना जाता है. जिसके चलते वनतस्करों की निगाहें यहां के जंगल पर टिक गई है. रात के अंधरे का लाभ उठाकर वनतस्करी की जा रही है. जिसे रोकने के लिए वनविभाग ने गश्ती दल तैयार कर रात के समय जंगल परिसर की गश्त की जा रही है. जिसके चलते शुक्रवार की रात के दौरान चिटुर से दुब्बापल्ली जंगल परिसर में सिरोंचा व असरअल्ली वनपरिक्षेत्र के वनाधिकारी व कर्मीयों द्वारा संयुक्त रूप से गश्त की जा रही थी.

इस दौरान रात करीब 1 बजे के दौरान सागौन तस्कर बैलगाडी में सागौन लट्ठे लादकर आते हुए दिखाई दिए. जिससे वनकर्मीयों ने उन्हे रोकने का प्रयास किया. किंतु तस्करों ने अचानक वनकर्मीयों पर पथरांव करना शुरू किया. जिसके जवाब में वनाधिकारियों ने सुरक्षा की दृष्टि से पिस्तूल हवा में फायरींग की. जैसे ही हवां में फायरींग हुई, वैसे ही वनतस्कर वहां से भाग खडे हुए. इस वारदात के बाद घटनास्थल से सागौन के लट्ठे वनाधिकारियों ने जब्त किए है, और तस्करों की खोजबिन आरंभ कर दी गई है.

उक्त कार्रवाई सिरोंचा वनविभागाचे उपवनसंरक्षक पुनम पाटे के मार्गदर्शन में वनपरिक्षेत्र अधिकारी पी. एम. पाझारे, आर. डी. तोकला, वनपाल एम. बी. शेख, एस. एस. निलम, वनरक्षक आर. के. शेरकी, ए. एस. नैताम, आर. वाय. तलांडी, पी. टी. दर्रो, एम. जे. धुर्वे, वाहनचालक आर. बी. आत्राम, ए. जी. आत्राम तथा असरअल्ली वनपरिक्षेत्र के वनरक्षक आर. पी. गेडाम, ए. डब्ल्यु. तलांडी, सी. पी. दुर्गे समेत सिरोंचा वनपरिक्षेत्र व आसरअल्ली वनपरिक्षेत्र के कर्मीयों ने की. 

घटनास्थल 31 सागौन लट्ठे जब्त 

चिटुर-दुबापल्ली के जंगल परिसर में वनतस्करों द्वारा बैलगाडीयों से सौन की तस्करी की जा रही थी, वनाधिकारियों द्वारा हवा में फायरिंग करते ही वनतस्कर वहां से भाग गए. इसके बाद वनाधिकारी व कर्मीयों ने घटनास्थल का निरीक्षण करने पर घटनास्थल से 14 बैल, 7 बैलगाडीया तथा 31 नग सागौन लट्ठे जब्त किए गए. उक्त कार्रवाई सुबह 4 बजे तक चलती रही. जब्त किया गया माल डिपो में जमा किया गया है. आगे की कार्रवाई सिरोंचा के वनपरिक्षेत्र अधिकारी पी. एम. पाझारे कर रहे है. 

इससे पूर्व भी हुए थे पथरांव

सिरोंचा के बेश्किमती सागौन पर वनतस्करों की नजर है. जिससे यहां व्यापक मात्रा में सागौन की तस्करी हो रही है. सागौन तस्कर पडोसी राज्यों में तस्करी करते है. वनतस्कर अब गब्बर बने हुए है. जंगल में वनतस्करी के दौरान आडे आनेवाले वनकर्मीयों पर हमला करने की यह घटना कोई नई बात नहीं है. इससे पूर्व भी जंगल परिसर में तस्करों द्वारा पथरांव की घटनाएं हुई है. ऐसी घटनाओं के मद्देनजर ही वनविभाग द्वारा आत्मरक्षा हेतु वनाधिकारियों को पिस्तुल उपलब्ध कराएं गए है. जिसके चलते इस बार वनतस्करों को भगाने में वनकर्मी सफल हुए है.