Child marriage
प्रतीकात्मक तस्वीर

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  • शहरी क्षेत्र के तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह अधिक

गडचिरोली. एक तरफ केंद्र सरकार द्वारा युवतियों की विवाह की आयु 18 से 21 वर्ष करने की हलचल शुरू है. वहीं दुसरी ओर दिन-ब-दिन ग्रामीण क्षेत्र में बाल विवाह की संख्या में वृध्दि हो रही है.  बाल विवाह का प्रमाण शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में अधिक होने की जानकारी जिला प्रशासन से मिली है. वर्ष 2020 से लेकर अब तक गडिचरोली में 15 बाल विवाह रोकने में जिला प्रशासन यंत्रणा को सफलता मिली है.

महिला व बालविकास विभाग से मिली जानकारी नुसार, राज्य में आज भी बडे पैमाने पर बालविवाह होते है. वहीं कोरोना कालावधि में बाल विवाह का प्रमाण काफी बढ गया था. लेकिन अवैध तरीके से होनेवाले बालविवाह से लडकियों का जीवन सुरक्षित रहे, इसलिये हेल्पलाईन, सामाजिक संस्था तथा प्रशासन एकजुट होकर कार्य करने से बालविवाह रोकने में मदद मिली है. 

तो भुगतना पडेगा दो वर्ष तक कारावास

बालविवाह प्रतिबंध अधिनियम 2006 और महाराष्ट्र बालविवाह प्रतिबंध नियम 2022 नुसार बालविवाह में  उपस्थित रहनेवाले अथवा इसमें शामिल होनेवाले व्यक्ति के लिये सजा का प्रावधान है. इसमें दोषी पाए जाने पर दो वर्ष तक सश्रम कारावास और 1 लाख रूपयों तक जुर्माना वसूला जा सकता है. 

ग्रामीण क्षेत्र में जनजागृति की आवश्यकता

‘चाइल्डलाइन’ के माध्यम से  अभिभावकों का बालविवाह कानून संदर्भ में समुपदेशन किया जाता है. किसी को भी बालविवाह होने की जानकारी मिलने पर वह तत्काल ‘चाइल्डलाइन’ के 1098 इस क्रमांक पर संपर्क करने से युवती की मदद की जा सकती है. ऐसा आवाहन ‘चाइल्डलाइन’ने किया है. गांव स्तर पर ग्रामसेवक यह  बालविवाह प्रतिबंधक अधिकारी होता है. जिससे ग्रामसेवक को गांव में इस संदर्भ में जनजागृति करना आवश्यक है.

अज्ञानता के चलते बालविवाह में वृध्दि

दुर्गम, ग्रामीण क्षेत्र के अनेक गांवों में आज भी लडकियों की शिक्षा, स्वास्थ्य व अधिकारों पर बंधन लादा जाता है.  शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में वित्तिय स्थिति विकट न होनेवाले अभिभावक अपने बेटों को शिक्षा देने का विकल्प चुनते है. लेकिन लडकियों को घरकार्य में व्यस्त रखते है. वहीं कुछ लडकियों का बालविवाह किया जाता है. ग्रामीण क्षेत्र में अज्ञानता के चलते बालविवाह होने की जानकारी मिली है. 

गाव में बालविवाह न हो, इसलिये गांव के सरपंच, पुलिस पटेल, बालसंरक्षण समिती, ग्रामसेवक, अंगणवाडी सेविका इन स्थानीय यंत्रणा की जिम्मेदारी है. इस ओर जनप्रतिनिधि ध्यान देने पर बालविकास प्रतिबंधक अधिकारी, ग्रामसेवक के माध्यम से जिला संरक्षण कक्ष को जानकारी दे.

भांदककर (जिला महिला बालविकास अधिकारी)