Supply electricity for 24 hours, not for 12 hours, otherwise there will be a blockade on 24th; memorandum warning

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देसाईगंज. वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणविस ने विरोधी दल मं रहते समय किसानों को 24 घंटे निशुल्क बिजली आपूर्ति देने की मांग को लेकर आंदोलन किया था. वहीं सत्ता में आने पर उक्त मांग पूर्ण करने का आश्वासन दिया था. किंतु सत्ता में आते ही उन्होने किसानों को निराश किया. हमें 12 घंटे नहीं, बल्की 24 घंटे निशुल्क बिजली दे, अन्यथा शुक्रवार 24 मार्च को बिजली वितरण कंपनी के कार्यालय के समक्ष घेराव तथा चक्काजाम आंदोलन करनेकी चेतावनी तहसील के किसानों ने महावितरण के अभियंता के मार्फत उपमुख्यमंत्री फडणवीस को भेजे ज्ञापन से दी है. 

तहसील के किसानों ने उपलब्ध सिंचाई सुविधा के भरोसे रब्बी सीजन में धान फसलों की बुआई की. किंतु कृषिपंप को केवल 8 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है. जिससे धान फसल खतरे में आयी है. जिससे तहसील के किसानों ने शंकरपुर स्थित महावितरण कंपनी के कार्यालय के समक्ष जेलभरो आंदोलन किया. इसके बाद सरकार ने 12 घंटे बिजली आपूर्ति करने का तुघलकी निर्णय लिया. विरोध में रहते समय उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने भाजपा के विधायको के साथ आंदोलन किया था.

उस समय 24 घंटे बिजली आपूर्ति करने की मांग की थी. वहीं सत्ता में आने पर मांग पूर्ण करने का आश्वासन दिया था. किंतु सत्ता में आते ही कभी 8 घंटे तो कभी 12 घंटे बिजली आपूर्ति करेन का गाजर दिखाकर किसानों को निराश किया जा रहा है. जिससे केवल आश्वासन नहीं, बल्की 24 घंटे निशुल्क बिजली आपूर्ति करे, अन्यथा सामाजिक कार्यकर्ते छगन शेडमाके के नेतृत्व में 24 मार्च को कंपनी के कार्यालय के समक्ष घेराव व चक्काजाम आंदोलन करने की चेतावनी तहसील के किसानों ने महावितरण के उपकार्यकारी अभियंता घनश्याम सारवे की ओर ज्ञापन द्वारा की है. इस समय प्रतिनिधि मंड़ल में सामाजिक कार्यकर्ते नंदु नरोटे, पिंकु बावणे, मनोज ढोरे, विलास ढोरे, गोपाल दिघोरे, अभय बुद्धे, महेश भरणे, पदमा कोडापे, पुष्पा कोहपरे आदि समेत किसान उपस्थित थे.