Teak of Alapalli leaves for Ayodhya, teak of the district will be installed in the grand Ram temple

Loading

  • रवाना करने के पूर्व हुई विधिवत पुजा-अर्चना 

गड़चिरोली. गड़चिरोली जिले के आलापल्ली के उच्च दर्जे का सागौन विश्वप्रसिद्ध है. समुचे देश के आराध्य दैवत होनेवाले प्रभू श्रीरामचंद्र के भव्यदिव्य मंदिर के लिए आवश्यक काष्ठ सागौन लकडा आज आलापल्लीवासियों ने उत्साह से अयोध्या के लिए रवाना किया. 

श्रद्धालु बडी संख्या में उपस्थित रहकर उक्त लकड़े की विधिवत पुजाअर्चना की. इसके पश्चात सजाए गए वाहन पर डीजे की धून में सरकारी सॉ मिल से वीर बाबुराव चौक तक रैली निकाली गई. गड़चिरोली जिले के सागौन को प्रभू श्रीराम के मंदिर में लगाने का सन्मान मिलने से जिले के साथ ही आल्लापली का मान देशस्तर पर उंचा उठा है.

गड़चिरोली जिले का सागौन विभिन्न वस्तू दरवाजे, फर्निचर बनाने के लिए विश्वप्रसिद्ध है. अयोध्या के श्रीराम मंदिर के लिए आवश्यक दरवाजे, खिडकिया, नक्षीकाम तथा विभिन्न शोपिस बनाने के लिए आल्लापल्ली के सागौन का चयन किया गया था. अयोध्या का राम मंदिर देश में सबसे करीबी मुद्दा है. 90 के दशक में देशभर देशभर के लिए इसके लिए ईटे भेजे गए थे. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद राममंदिर निर्माण कार्य शुरू होते ही हर रामभक्त ने यथाशक्ती अपना सहयोग दिया है.

वहां अब गड़चिरोली जिले के विश्वप्रसिद्ध सागौन लकडे के दरवाजे व खिडकिया बनाने के लिए चयन किया गया है. आलापल्ली के वनविकास महामंड़ल के सॉ-मील में सागौन लकडा संकलित किया गया है. लकडा प्रस्थान करने की जानकारी मिलते ही आलापल्ली परिसर के श्रद्धालुओं के लकडे का विधिवत पुजन किया. इस समय श्रीराम समिति, व्यापारी संगठना अल्लापल्ली, गांव के प्रतिष्ठीत नागरिक, श्रद्धालु उपस्थित थे. इसके बाद भव्य शोभायात्रा काढण्यात आली. 

संसद भवन के निर्माण में उपयोग में लाया लकडा 

इससे पूर्व भी देश के नए संसद भवन निर्माण के लिए आलापल्ली वनक्षेत्र से गया सागौन बल्लारपुर डिपो से खरीदी किया गया था. ग्लोरी ऑफ फॉरेस्ट के रूप में प्रसिद्ध विदर्भ के जंगल का उच्चस्तर का सागौन है. संसद भवन का सौंदर्य में चार चांद लगाने में इस लकड़े ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अब अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में भी आलापल्ली वनक्षेत्र का सागौन उपयोग में लाया जानेवाला है. जिससे मंदिर के निर्माण में जिले का भी योगदान रहनेवाला है.