नदी के रास्ते सागौन की तस्करी का पर्दाफाश, साड़े चार लाख का सागौन जब्त

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    गड़चिरोली. गड़चिरोली जिले के सिरोंचा वनविभाग में मूल्यवान सागौन है. वहीं सागौन तस्करों की संख्या भी अधिक होकर इस वनविभाग में सागौन तस्करी का सिलसिला शुरू है. इसी बीच सिरोंचा तहसील के झिंगापुर वनपरिक्षेत्र कार्यालय अंतर्गत आनेवाले कर्जेली गांव समीपस्थ बहनेवाली इंद्रावती नदी से सागौन लठ्ठों की तस्करी होने की गोपनिय जानकारी मिलते ही वनविभाग की टिम ने कर्जेली घाट पर जाल बिछाकर नदी के रास्ते सागौन तस्करी करनेवालों का पर्दाफाश किया है.

    इस कार्रवाई में वनविभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने करीब 4 लाख 66 हजार 198 रूपयों का सागौन जब्त किया है. यह कार्रवाई झिंगापुर के वनपरिक्षेत्राधिकारी एस. पी. बारसागड़े के मार्गदर्शन में वनरक्षक तिरूपति सड़मेक, महेंद्र हिचामी, विनोद गावड़े, सचिन म्हस्के, अशोक गोरगोंड़ा, राम जोखड़े, तेमासिंग गोटा, आशिश कुमरे, सुधाकर महाका, कोरेत समेत वनमजदूरों ने किया. 

    नदी में छलांग मारकर तस्कर हुए फरार 

    कर्जेली नदी घाट से सागौन की तस्करी होने की गोपनिय जानकारी मिलते ही झिंगानुर वनपरिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय के अधिकारी, कर्मचारी और वनमजदूरों ने सागौन तस्करी रोकने के लिये दो टिम तैयार की. वहीं कर्जेली नाले पर छापामार कार्रवाई की. इस बीच वनकर्मचारियों को अपनी ओर आते देख सागौन तस्कर सागौन को नदी में छोड़ नदी में छलांग मारकर फरार हो गये. इस घटना संदर्भ में अज्ञात सागौन तस्करों के खिलाफ वनअपराध दर्ज किया गया है.

    सागौन तस्करी रोकने वनविभाग हुआ सतर्क

    सिरोंचा वनविभाग में मूल्यवान सागौन होने के कारण इस वनविभाग से सर्वाधिक सागौन की तस्करी होती है. विशेषत: यहां से सागौन की तस्करी कर सिरोंचा तहसील के सटे तेलंगाना व छत्तीसगढ़ राज्य में सागौन की बिक्री की जाती है. ऐसे में तहसील से होनेवाली सागौन तस्करी रोकने के लिये वनविभाग पुरी तरह सतर्क होकर दिन-रात  गस्त किया जा रहा है. विशेषत: वनकर्मचारियों की विशेष टिम भी तैनात की गई है. जिसके कारण इस क्षेत्र में काफी हद तक सागौन तस्करी के मामले कम हुए है.