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    धानोरा. यूं तो समूची धानोरा तहसील नक्सलग्रस्त घोषित हैं, लेकिन तहसील का मुंगनेर इलाका आज भी नक्सली गतिविधियों के लिए जाना जाता है. नक्सलियों का यह आधार क्षेत्र होने के कारण आजादी के 7 दशकों बाद भी क्षेत्रवासी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है. अब तक इस क्षेत्र में दूरसंचार सेवा तक आरंभ नहीं हो पायी है. जिससे किसी भी अपातकालीन परिस्थिति में सुविधा पाने के लिए यहां के आदिवासी ग्रामीणों को भगवान पर निर्भर रहना पड़ता है.

    धानोरा से मुंगनेर होते हुए एक कच्ची सड़क द्वारा पेंढऱी पहुंचा जा सकता है. पांच वर्ष पूर्व स्थानीय प्रशासन ने इस सड़क पर मरम्मत का कार्य किया था. लेकिन वर्तमान में यह सड़क पूरी तरह खस्ता हो चली है. भारतीय दूरसंचार विभाग ने धानोरा तहसील के अनेक स्थानों पर मोबाईल टॉवर निर्माण किये है. लेकिन मुंगनेर का इलाका आज भी इस सुविधा से वंचित है. पिछले अनेक वर्षो से इस क्षेत्र में मोबाईल टॉवर का निर्माण नहीं होने के कारण इस क्षेत्र के नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

    क्षेत्र के नागरिकों ने प्रशासन, जनप्रतिनिधि समेत संबंधित विभाग के अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराया गया. बावजूद इसके समस्या हल नहीं हो पायी है. इसके अलावा कच्ची सड़क होने के कारण आदिवासी ग्रामीणों ने अब तक बस सेवा के चित्र तक नहीं देखे है. इस परिसर में निजी वाहनों की यातायात सुविधा पर ही लोगों को निर्भर रहना पड़ रहा है. किसी भी तरह की स्वास्थ्य सुविधा पाने के लिए लोगों को धानोरा पहुंचना पड़ता हैं, लेकिन धानोरा पहुंचने के लिए लोगों को अपनी जान मु_ी में लेनी पड़ रहीं है. जिससे सरकार इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर क्षेत्र का विकास करने की मांग हो रहीं है.

    दुर्गम क्षेत्र में कवरेज की समस्या

    गड़चिरोली यह जिला आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित जिले के रूप में पहचाना जाता है. जिसके अधिकत्तर गांव ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र में बसे हुए है. इन गांवों के लोगों को दुरभाष की सेवा उपलब्ध कराने के लिये ग्रामीण क्षेत्र के बडे गांवों में मोबाईल टॉवर का निर्माण किया गया है. किंतु संबंधित गांवों तक कवरेज नहीं पहुंचाने से दुर्गम क्षेत्र के लोगों के मोबाईल शो-पिस बनते नजर आ रहे है. जिले के सीमावर्ती इलाकों में बसे गांवों के लोग जिले से सटे छत्तीसगड, तेलंगाना और मध्यप्रदेश राज्य के सीम का उपयोग करते है.

    मोबाईलधारक हुए त्रस्त

    वर्तमान स्थिति में सर्वाधिक कार्य ऑनलाईन हो गये है. जिसके कारण हरेक के हाथों में अब स्मार्ट फोन भी आ गये है. लेकिन जिले की एटापल्ली, धानोरा, कोरची, भामरागड़ और सिरोंचा तहसील में मोबाईल होने के बावजूद भी नेटवर्क की समस्या निर्माण होने के कारण मोबाईलधारक पुरी तरह त्रस्त हो गये है.

    पिछले अनेक वर्षो से इन तहसीलों में नेटवर्क की समस्या कायम होने के बावजूद भी संबंधित विभाग इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं देने के कारण इन तहसीलों के मोबाईलधारकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे संंबंधित विभाग इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर तत्काल नेटवर्क की समस्या से राहत दिलाने की मांग नागरिकों ने की है.