धान खरीदी की अवधि बढ़ाने की मांग पकड़ रही जोर, अनेक किसानों पर वंचित रहने की नौबत

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    गड़चिरोली. खरीप और रबी सत्र में अकाली बारिश के चलते किसानों का भारी नुकसान हुआ है. जिसके कारण जिले के किसान पुरी तरह चिंता में पड़ गये. ऐसे स्थिति में सरकार द्वारा धान खरीदी करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी घोषित करने के कारण जिले के किसान पुरी तरह दुविधा में पड़ गये है.

    जिसके कारण सरकार धान खरीदी की अवधि बढ़ाए, इसलिये जिले के किसान समेत राजनितिक और सामाजिक संगठनों द्वारा मांग की जा रही है. जिले राजनितिक दल और सामाजिक संगठन प्रशासकीय कार्यालयों में पहुंचकर प्रशासन को मांगों का ज्ञापन सौंपते नजर आ रहे है. 

    आदिवासी कांग्रेस ने दी आंदोलन की चेतावनी

    15 दिन पहले हुई अकाली बारिश और ओलो चलते अनेक जगह पर सरकारी धान खरीदी केंद्रों में बंद-चालु होने का सिलसिला जारी था. जिसके कारण किसानों के धान धान खरीदी केंद्रों के सामने पड़े है. ऐसे में सरकार द्वारा धान खरीदी करने की अंतिम अवधि 31 जनवरी घोषित किए जाने के कारण धान बेचने के लिये किसानों की भागदौड़ शुरू है. जिससे कारण सरकार व प्रशासन धान खरीदी की अवधि बढ़ाए, अन्यथा तीव्र आंदोलन किया जाएगा, ऐसी चेतावनी गड़चिरोली जिला आदिवासी कांग्रेस के पदाधिकारियों ने दी है. 

    अनेक किसानों का नहीं हुआ ई-फसल पंजीयन

    सरकार ने सरकारी धान खरीदी में पारदर्शकता हो, इसलिये ई-फसल पंजीयन प्रक्रिया शुरू की. ई-फसल पंजीयन किए हुए सातबारह को धान खरीदी के लिये पात्र माने जाएंगे. लेकिन जिले में अब तक अनेक किसानों के ई-फसल पंजीयन नहीं हुआ है. जिसके कारण किसान वर्ग ई-फसल पंजीयन करने के लिये भागदौड़ करते नजर आ रहे है. वहीं अनेक किसानों को धान बिक्री से वंचित रहने की नौबत भी आन पड़ सकती है. 

    धान खरीदी की अवधि बढ़ाए: लेनगुरे

    जिप सदस्य विनोद लेनगुरे ने अपने पदाधिकारियों के साथ मिलकर जिलाधिश को भिजवाये ज्ञापन में कहां कि, पिछले 15 दिन पहले हुई अकाली बारिश के चलते किसानों के खेतों में पानी जमा हुआ था. जिसके कारण धान कुटाई करने में विलंब हो गया. ऐसे में अब 31 जनवरी तक धान खरीदी की अवधि होने के कारण अनेक किसानों को धान बिक्री से वंचित रहना पड़ सकता है.

    जिससे धान खरीदी की अवधि बढाए, ऐसी मांग ज्ञापन में की है. धानोरा के तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते समय जिप सदस्य विनोद लेनगुरे, पार्षद राजु मोहुर्ले, पार्षद मानिकशहा मड़ावी, कामनगड़ के सरपंच संजय गावड़े,  पार्षद भुषण उंदिरवाड़े, गिरीधर सोनुले आदि उपस्थित थे.