मिरकल  के लोगों को पक्की सड़क की प्रतीक्षा

    Loading

    अहेरी. राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के गांवों को शहरी इलाकों से जोडऩे के लिए करोड़ों रूपयों का प्रावधान कर मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना आरंभ की. मात्र यह योजना आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में पूरी तरह विफल साबित हो रहीं है. अहेरी तहसील के अधिकांश गांवों में आज भी पक्की सड़कों का अभाव है.

    ग्रामीण आदिवासी बरसों से पगडंडी के सहारे मुख्य गांव तक पहुंचने विवश है. ऐसा ही एक मामला अहेरी तहसील के मिरकल गांव मेंं सामने आया है. तहसील मुख्यालय महज 20 किमी दुरी पर बसे इस गांव में पहुंचने के लिये अब तक पक्की सड़क नहीं बनाई गयी है. जिससे मिरकल गांव भी इसी समस्या से पिछले सात दशकों से जूझ रहा है. लेकिन ग्रामीणों के नसीब में अब तक पक्की सड़क का सपना तक पूर्ण नहीं हो पाया है.

     बता दे कि, जिला प्रशासन के माध्यम से ऐसे गांवों को विकास की मुख्य धारा में जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है.लेकिन मिरकल गांव इन सभी बातों से अछूता है. आज भी गांव में पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. गांव तक बिजली के खम्भे लगाये गये है. लेकिन इन पर तार नहीं डाले गये है. जिससे यहां के आदिवासी ग्रामीणों को अंधेरे में ही अपना जीवनयापन करना पड़ रहा है. बीमार पडऩे पर २० कि. मी. की सफर कर अहेरी के उपजिला अस्पताल का सहारा लेना पड़ता है.

    वहीं गांव में स्कूल तो बनीं हुई हैं, लेकिन यहां शिक्षकों की कम संख्या के कारण अधिकांश छात्र अहेरी तहसील मुख्यालय में ही शिक्षा ग्रहण कर रहे है. इस गांव तक पहुंचने के लिये पक्की सड़क तथा अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग परिसर के नागरिकों द्वारा की जा रही है.