devendra fadanvis

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    गड़चिरोली. फडणवीस सरकार के कार्यकाल में राज्य के विरोधी पार्टी के नेताओं के गैरकानुनी रूप से फोन टैपींग होने का गंभीर मामला सामने आया है. फडणवीस सरकार के कालावधि में लोगों पर निगरानी रखने का गुजरात मॉडेल महाराष्ट्र में चलाया जा रहा था. इस मामले में वरीष्ठ पुलिस अधिकारी रश्मी शुक्ला पर मामला भी दर्ज हुआ है. किंतू रश्मी शुक्ला यह केवल एक प्यादा है. उन्हे फोन टैपींग के आदेश देनेवाले कोन थे? यह सामने आना आवश्यक है. इसके लिए तत्कालीन गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस की भी जांच करने की मांग कांग्रेस के जिलाध्यक्ष महेंद्र ब्राम्हणवाडे ने की है. 

    राज्य में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व की भाजपा की सरकार रहते समय लोगों पर निगरानी रखने व चोश्री छुपे निजी संभाषण सुनने का गुजरात मॉडेल महाराष्ट्र में चलाया जा रहा था. वर्ष 2017-18 में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले के साथ ही शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस, भाजपा के अनेक मंत्री, नेते, आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के फोन गैरकानुनी रूप से टैप किए गए थे.

    अंमली पदार्थो का व्यापार करने की बात दिखाकर राजनितिक नेताओं के फोन टैप किए गए. अमजद खान नाम दिखाकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले, निजामुद्दीन बाबू शेख यह नाम दिखाकर राज्यमंत्री बच्चू कडू के  फोन टैप किए गए. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने विस में फोन टैपींग का मुद्दा उपस्थित की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. इस जांच में रश्मी शुक्ला दोषी होने की बात साबित होने से मामला दर्ज करने की बात गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने कहीं है. 

    फोन टैप कर निगरानी रखना गंभीर अपराध 

    आतंकवादी कार्रवाईयां, अंमली पदार्थो का व्यापक ऐसे गंभीर मामले के जांच हेतु विशेष अनुमति लेकर फोन टैपींग की जाती है. नाना पटोले, बच्चू कडू इन नेताओं का इससे कतही संबंध नहीं होने के बावजूद उनका मोबाईल क्रमांक तथा मुस्लीम व्यक्तीं के नाम का उपयोग कर उनके फोन टैप किए गए. यह व्यापक गंभीर मुद्दा है.

    फोन टैप कर किसी पर निगरानी रखना यह गंभीर अपराध है. यह प्रकार व्यक्ति के स्वाधिनता का उल्लंघन करनेवाला है, ऐसी बात भी ब्राम्हणवाडे ने कहीं है. राज्य सरकार फोन टैपींग मामले के जांच की व्याप्ती बढ़ाकर तत्कालीन गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस की भी जांच करने की मांग ब्राम्हणवाडे ने की है.