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आरमोरी: तहसील के पोर्ला-वडधा मार्ग पर बाघ की दहशत विगत कुछ दिनों से कायम है. इस मार्ग हमेशा दुपहियासवारों को बाघ का दर्शन होता है. ऐसे में 18 दिसंबर शाम को 7.30 बजे के दौरान पोर्ला से वडधा की ओर आनेवाले दुपहियासवार का पट्टेदार बाघ ने पिछा करने का मामला घटने से परिसर में बडे पैमाने में बाघ की दहशत निर्माण हुई है. नसीब अच्छा होने से वे दुपहियासवार बाघ के चंगुल से बच निकले.

वडधा नजीक बोडधा के पांडुरंग राऊत व उनका मुलगा प्रवीण यह दोनों शुक्रवार शाम को 7.30 बजे के दौरान पोर्ला से बोडधा (वडधा) की ओर दुपहिया से आते समय वडधा-पोर्ला मार्ग पर जंगल परिसर में मुख्य सडक पर ही 3 पट्टेदार बाघ खडे थे. मात्र बाघ का ध्यान इन दुपहियासवार की ओर नहीं होने से राऊत ने सडक पार करने का प्रयास किया.

मात्र उन तीन बाघ में से दो बाघ सडक के बाजु में हो गए व एक बाघ ने राऊत के दुपहिया का पिछा करने का प्रयास किया, ऐसी जानकारी पांडुरंग राऊत ने दी. उक्त दुपहिया उनका लडका चलाने से बाघ पिछा करने का ध्यान में आते ही तत्काल उन्होंने दुपहिया की स्पीड बढाने से बडा अनर्थ टला. जिससे राऊत परिवार भयभीत होकर अपने घर सुखरूप पहुंचे. 

इस मार्ग का सफर बना जानलेवा 

पोर्ला-वडधा मार्ग पर भारी मात्रा में यातायात शुरू रहती है. साथ ही 15 दिनों के पूर्व ही इसी मार्ग पर एक दुपहियासवार को दोपहर को बाघ का दर्शन हुआ. ऐसा होने पर फिर से इसी मार्ग पर 18 दिसंबर को शाम के दौरान बाघ ने एक दुपहियासवार का पिछा करने का प्रयास करने से इस मार्ग से सफर करना खतरनाक साबित हो रहा है. जिससे वनविभाग बाघ का बंदोबस्त करें, ऐसी मांग परिसर के नागरिकों द्वारा की जा रही है.