Citizens troubled by bad settlements, mud, dirt in division 3

    Loading

    गड़चिरोली. भले ही सरकार जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर जिले के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र में विकास की गंगा पहुंचाने की बात कह रही है. लेकिन गड़चिरोली जिले दुर्गम क्षेत्र में आजादी के 7 दशक बाद भी आवश्यकता नुसार बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पायी है. जिसके कारण दुर्गम क्षेत्र के लोग आज भी विकास के लिये तरसते दिखाई दे रहे है. किंतु दुसरी ओर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों में समन्वय के अभाव में दुर्गम क्षेत्र का विकास होते नहीं दिखाई दे रहा है.

    जिसका खामियाजा वर्तमान स्थिति में अनेक गांवों में पहुंचने के लिये सड़के नहीं बनी. साथ ही नदी, नालों पर पुलिया का निर्माण नहीं किया गया है. साथ ही बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा तैसी सुविधाएं भी नहीं पहुंची है. जिससे दुर्गम क्षेत्र का विकास करने के लिये जनप्रतिनिधि और प्रशासन गंभीरता से ध्यान दे, ऐसी मांग दुर्गम क्षेत्र के नागरिकों द्वारा की जा रही है.

    सड़के नहीं तो बससेवा भी नहीं

    समुचे राज्य में गड़चिरोली यह जिला आदिवासी बहुल, उद्योग विरहित, नक्सल प्रभावित और पिछड़े जिले के रूप में पहचाना जाता है. इस जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र का विकास तो हुआ है, लेकिन दुर्गम क्षेत्र में अब तक विकास नहीं पहुंच पाया. बता दे कि, सैकड़ों गांवा तक पहुंचने के लिये पक्की सड़के नहीं बनी है. जिसके कारण इन गांवों में बससेवा भी नहीं पहुंच पायी.

    जिसका खामियाजा दुर्गम क्षेत्र में बसे आदिवासी नागरिकों को जंगल व नदी, नालों के रास्ते पैदल ही सफर करना पड़ता है. यह स्थिति पिछले अनेक वर्षो से कायम होने के बावजूद भी इस स्थिति में सुधार लाने के लिये किसी भी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है. जिससे दुर्गम क्षेत्र के लोग आज भी विकास के लिये तरसते दिखाई दे रहे है.

    कर्मियों के अभाव में विकासकार्य प्रभावित

    दुर्गम परिसर में स्वास्थ्य कर्मचारी मुख्यालय में नहीं रहने के कारण इस परिसर के मरीजों को निजि डाक्टरों के पास जाने की नौबत आन पड़ी है. यही स्थिति शिक्षा विभाग और प्रशासन के विभिन्न विभागों की है. प्रशासन के कर्मचारी मुख्यालय में रहने के बजाय दुसरे गांवों में रहकर सेवा दे रहे है. इसके अलावा अनेक कर्मचारी तो बाहर जिले में रहकर सेवा दे रहे है.

    इस संदर्भ में अनेक बार जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से शिकायत करने के बावजूद भी संबंधितों द्वारा अनदेखी किये जाने के कारण नागरिकों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार जिले की समस्या की ओर गंभीरता से ध्यान देने की मांग की जा रही है.

    और कब तक भुगते नरकिय यातना

    एक तरफ संपूर्ण देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. वहीं दुसरी ओर राज्य के सबसे पिछड़े गड़चिरोली जिले के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्र के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिये तरस रहे है. अनेक वर्षो से बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने की मांग करने के बाद भी अब तक किसी भी तरह की सुविधा नहीं पहुंचने के कारण और कब तक नरकिय यातना भुगते, ऐसा सवाल दुर्गम क्षेत्र के नागरिकों ने पुछा है.