नक्सलियों द्वारा ट्रैक्टरों की आगजनी; कोठी पुलिस मदद केंद्र अंतर्गत घटना

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    •  बंद के मद्देनजर नक्सलियां की हिंसक कार्रवाई 

    गड़चिरोली.  मर्दनटोला जंगल परिसर में पुलिस व नक्सलियों के बिच हुए मुठभेड़ में 27 नक्सलियों को ढ़ेर करने में जिला पुलिस दल को सफलता मिली थी. मारे गए नक्सलियों के स्मृति में नक्सलियों ने 27 नवंबर को महाराष्ट्र समेत 6 राज्यों में बंद का आह्वान किया था.

    इस बंद के मद्देनजर शुक्रवार को दोपहर के दौरान भामरागड़ उपविभाग के कोइी पुलिस मदद केंद्र अंतर्गत आनेवाले सड़क निर्माण पर कार्यरत ट्रैक्टर की नक्सलयों ने आगजनी की. है. बंद के मद्देनजर नक्सलियों के इस हिंसक घटना को अंजाम देने से उक्त परिसर में दहशत का माहौल निर्माण हुआ है. 

    13 नवंबर को ग्यारापत्ती-कोटगुल जंगल परिसर में हुए भिषण मुठभेड़ में नक्सलियां के सेंट्रल कमेटी मेंबर मिलिंद तेलतुंबडे समेत 27 नक्सली मारे गए थे. इस घटना के निषेध में नक्सलियों द्वारा आज महाराष्ट्र समेत तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, ओडिसा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगड इन 6 राज्यों में बंद का ऐलान किया था.

    बंद के मद्देनजर जिले के दुर्गम क्षेत्र में बंद को कोई समर्थन नहीं मिला. ऐसे में भामरागड़ तहसील के अतिसंवेदनशील क्षेत्र होनेवाले  कोठी पुलिस मदद कंद्र से महज 6 किमी दूरी पर स्थित मरकनार-मुरुमबुशी इस सड़क निर्माण पर कार्यरत 2 ट्रैक्टर को नक्सलियों आग लगा दी. 

    विगत कुछ दिनों से छत्तीसगड राज्य के एक ठेकेदार के मार्फत मरकनार-मुरुमबुशी सड़क का निर्माणकार्य शुरू है. इस दौरान शुक्रवार को दोपहर के दौरान मजदूर काम कर रहे थे. ऐसे में प्राथमिक अनुमान के अनुसार 15 से 20 की संख्या में आए हथियारबंद नक्सलियों ने निर्माणकार्य पर पहुंचकर मजदूरों को भगाया. इसके पश्चात निर्माणकार्य के 2 ट्रैक्टर को नक्सलियों ने आग लगा दी.

    इसमें 2 ट्रैक्टर जलकर खाक हो गए. इसमं ठेकेदार का लाखों का नुकसान हुआ. कोठी पुलिस को घटना की जानकारी मिलते ही आज सुबह के दौरान पुलिस जवान घटनास्थल पर पहुंचे. अधिक जांच शुरू है. अज्ञात लोगों के खिलाफ कोठी पुलिस मदद केंद्र में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस सुत्रों ने इस घटना की पुष्टी की है, वहीं इस क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियान तिव्र किया गया है. 

    पर्चे, बैनरबाजी पर लगाम 

    नक्सलियों द्वारा नक्सल बंद के दौरान संवेदनशिल क्षेत्र में पर्चे, बैनरी लगाए जाते है. इस माध्यम से बंद में सहभाग लेने का आह्वान किया जाता है. इस दौरान नक्सलियों द्वारा पेड गिराकर मार्ग अवरूद्ध भी किया जाता है. किंतू भामरागड़ तहसील के कोइी पुलिस मदद केंद्र अंतर्गत आगजनी के अलावा जिले के अन्य संवेदनशिल क्षेत्र में नक्सलियों के पर्चे व बैनरबाजी को लगाम लगा दिखाई दिया. जिला पुलिस दल के सफल नियोजन व आक्रमक भूमिका के चलते नक्सलियों के बंद का जिले में व्यापक प्रभाव दिखाई नहीं दिया. ऐसी बात कहीं जा रही है.