गढ़चिरौली: महाराष्ट्र (Maharashtra) के गढ़चिरौली (Gadchiroli) में चल रहे पल निर्माण के विरोध में यहां के आदिवासी समुदाय (tribal community) सामने आ गया है। आरोप है कि यहां मूलभूल सुविधाएं नहीं है। मात्र पुल बन जाने से यहां केवल लूट होगी। जिससे ‘जल-जंगल-जमीन’ (Jal-Jungle-Zameen) को खतरा है। आदिवासी यहां किसी भी गतिविधि को लेकर नाराज हैं। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ (Maharashtra and Chhattisgarh) के करीब 20 से 25 गाँव के लोग यहां रह रहे है। पिछले कुछ दिनों से यह विरोध जारी है।
समाचार एजेंसी ANI से मिली जानकारी के अनुसार गढ़चिरौली के इंद्रावती नदी (Indravati river) पर पुल निर्माण के विरोध में महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदायों के सदस्य पिछले 14 दिनों से राज्य की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। उनका कहना है कि यहां मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से जल-जंगल-जमीन की लूट आसान हो जाएगी।
People from 20-25 villages from Chhattisgarh & Maharashtra here.There are no basic facilities here even after 75 yrs of independence.Such bridges are only to facilitate loot of 'Jal-Jungle-Zameen'.Protest began on Jan 4,we intend to protest indefinitely:Lalsu Nogoti,tribal leader pic.twitter.com/f8bf54bJyx
— ANI (@ANI) January 18, 2023
आदिवासी नेता लालसु नोगोती का कहना है कि यहां छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के 20-25 गांवों के लोग हैं। आजादी के 75 साल बाद भी यहां बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। ऐसे पुल सिर्फ ‘जल-जंगल-जमीन’ की लूट के लिए हैं। 4 जनवरी को विरोध शुरू हुआ, हमारा इरादा है अनिश्चितकाल के लिए विरोध करें।
बता दें कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदाय के लोग इकट्ठा होकर विरोध कर रहे हैं। पोस्टर लेकर निर्माण का विरोध कर रहे हैं। पोस्टर में लिखा देखा जा सकता है कि ग्राम सभा की अनुमति के बिना अरेस्ट बंद करो, ग्राम सभा की अनुमति के बिना गांव पर हमला बंद करों, ग्राम सभा की अनुमति के बिना गांव में घुसना बंद करों। वहीं प्रशानिक अधिकारी उन्हें मनाने का प्रयास कर रहे हैं।