12 लाख इनामी दो नक्सलियों ने किया सरेंडऱ, टीसीओसी कालावधि में जिला पुलिस को मिली सफलता

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    • महिला व पुरूष नक्सली का समावेश 

    गड़चिरोली. पिछले कुछ वर्षो की कालावधि में गड़चिरोली जिला पुलिस दल नक्सल आंदोलन पर हावि होते दिखाई दे रहा है. मुठभेड़ मेंं नक्सलियों ने मार गिराने और गिरफ्तार करने में पुलिस जवानों को सफलता मिल रही है. ऐसे में सरकार की आत्मसमर्पण योजना भी नक्सलियों को विकास की मुख्य धारा में शामिल होने में काफी कारगर साबित हो रही है.

    वर्तमान स्थिति में टीसीओसी कालावधि शुरू होकर इस कालावधि में 12 लाख इनामी दो जहाल नक्सलियों ने जिला पुलिस दल के सामने आत्मसमर्पण करने से जिला पुलिस दल को बड़ी सफलता मिली है. आत्मसमर्पण करनेवाले नक्सलियों में अहेरी तहसील के अर्कापल्ली गांव निवासी रामसिंग ऊर्फ सिताराम बक्का आत्राम (63) और एटापल्ली तहसील के गट्टेपल्ली गांव निवासी माधुरी उर्फ भुरी ऊर्फ सुमन राजु मट्टामी (34) का समावेश है. नक्सलियों के आत्मसपर्मण करने संदर्भ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जिला पुलिस अधिक्षक अंकित गोयल, अपर पुलिस अधिक्षक सोमय मुंडे, अपर पुलिस अधिक्षक अनुज तारे, अपर पुलिस अधिक्षक समीर शेख आदि उपस्थित थे. 

    एसीएम पद पर कार्यरत था रामसिंग 

    रामसिंग यह वर्ष 2005 में अहेरी दलम में सदस्य के रूप में दाखिल हुआ था. वहीं तीन माह पेरमिली में कार्यरत था. 2005 से वह माड डिवीजन टेक्रीकल दलम में कार्यरत था. वर्ष 2007 से 2012 तक उसने उपकमांडर पद की जिम्मेदारी संभाली. वहीं वर्ष 2012 से लेकर 2022 तक वह भामरागड़ एरिया टेक्रीकल दलम में एसीएम पद पर तैनात था. उसका 1 हत्या, 1 मुठभेड़ और अन्य एक ऐसे तीन अपराधों में समावेश था. इसके अलावा कासमपल्ली, गुंडुरवाही, हीकेर, आशा-नैनगुड़ा, आलदंडी मुठभेड़ में भी वह शामिल था. सरकार द्वारा रामसिंग पर 6 लाख रूपयों का इनाम रखा गया था. 

    37 अपराधों में लिफ्त थी माधुरी

    माधुरी यह वर्ष 2002 में कसनसूर दलम में शामिल होकर दिसंबर 2012 तक कार्यरत थी. दिसंबर 2012 से 2013 तक भामरागड़ दलम में थी. फरवरी 2013 से लेकर 2022 तक वह पेरमिली दलम में एसीएम पद पर कार्यरत थी. माधुरी का 4 हत्या, 21 मुठभेड़, 7 आगजनी अन्य 5 ऐसे कुल 37 हिसंक वारदातों में शामिल थी. वहीं उसका वेलमागड़, कसनासुर व माडवेली में हुई मुठभेड़ में समावेश था. माधुरी पर सरकार द्वारा 6 लाख रूपयों का इनाम रखा गया था. 

    इन कारणों से नक्सली कर रहे आत्मसमर्पण 

    सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के चलते नक्सलियों को समर्थन न मिलने, वरिष्ठ नक्सली नेता केवल अपने लाभ के लिये गरीब आदिवासी युवक-युवतियों का उपयोग करने, दलम में विवाह होने के बाद भी विवाहित जीवन जीने का मौका न मिलने, पुलिस दल द्वारा निरंतर चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के चलते जंगल में रहना मुश्किल होने, वरिष्ठ नक्सली जमा किया गया पैसा स्वयं के लिये उपयोग कर नक्सलियों को उनकी जरूरते पूर्ण करने के लिये पैसे न देने, मुखबिर होने के केवल संदेह पर ही लोगों की हत्या करने का आदेश देने और नक्सल दलम में स्वास्थ्य संबंधि समस्याओं की ओर गंभीरता से ध्यान देने की बात कही जा रही है. 

    हिंसा का मार्ग त्याग दे नक्सली: एसपी गोयल

    जिला पुलिस दल निरंतर नक्सल विरोधी अभियान चला रहा है. वहीं सरकार ने नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने स्वर्ण मौका दिया है. 2019 से 2022 तक 49 जहाल नक्सलियों ने आत्मसपर्मण किया है. विकासकार्यो में बाधा पहुंचाने वाले नक्सलियों पर पुलिस कार्रवाई करने में तत्पर है. जो नक्सली विकास की मुख्य धारा में शामिल होना चाहते है, और आत्मसपर्मण करते है, ऐसे आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुलिस विभाग हरसंभव सहयोग करेगा. जिससे नक्सली हिंसा का मार्ग छोड़कर शांती का मार्ग स्वीकारे, ऐसा आहवान जिला पुलिस अधिक्षक अंकित गोयल ने किया है.