नपं चुनाव में मतदाताओं की दिवाली! चुनकर आने हेतु प्रत्याशियों ने बांटे 500 व 1000 रूपये

    Loading

    गड़चिरोली. जिले में मंगलवार को हुए 9 नगर पंचायत के चुनाव में मतदाताओं में व्यापक उत्साह दिखाई दिया. किंतू चुनकर आने के लिए कुछ प्रत्याशियों द्वारा बड़ी मात्रा में पैसों का प्रलोभन दिखाया गया. कहीं 500 तो कहीं 1000 रूपये मतदाताओं को बांटने की चर्चा सर्वत्र शुरू है. चामोर्शी, अहेरी, कुरखेडा, मुलचेरा, एटापल्ली व धानोरा नगर पंचायत क्षेत्र में इस वर्ष का चुनाव वाद-विवादों के लिए नहीं बल्की प्रत्याशियों द्वारा पैसे वितरीत करने हेतु दिखाएं गए जोश के कारण चर्चा में रहा है. 

     गड़चिरोली जिले में मंगळवार को कुरखेडा, कोरची, धानोरा, चामोर्शी, अहेरी, मुलचेरा, एटापल्ली, भामरागड तथा सिरोंचा इन 9 नगर पंचायत के सार्वत्रिक चुनाव संपन्न हुए. जिले के मतदान केंद्र पर मतदान के समय कड़ा पुलिस बंदोबस्त रखा गया था. कहीं भी अनुचित घटना नहीं हुई. ऐसे में हर समय नक्सलियों का उत्पात रहता था. किंतू इस वर्ष पुलिस ने नक्सलियों के मनसुबों पर पानी फेरकर मतदान शांतता में संपन्न कराया.

     जिले में नगर पंचायत के चुनाव में इस वर्ष भाजपा, कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस व शिवसेना के नेताओं को काफी जोर आजमाया. पालकमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाई थी. चामोर्शी में कांग्रेस -शिवसेना तो कुरखेडा, अहेरी व धानोरा में शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस ने युति की थी. भाजपा की मदार दोनों विधायक तथा जिलाध्यक्ष पर थी. कांग्रेस की ओर से स्वयं मंत्री विजय वडेट्टीवार, पूर्व विधायक डा. नामदेव उसेंडी व जिलाध्यक्ष महेंद्र ब्राम्हणवाडे ने जोर लगाया.

    भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री सुधीर मुनगंटीवार छोड एक भी नेता प्रचार हेतु नहीं आया. राकां नेते विधायक धर्मरावबाबा आत्राम ने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला. जिले में 9 नगर पंचायत के चुनाव के लिए विगत 8 दिन रणसंग्राम शुरू था. मतदान के एक दिन पूर्व अधिकांक्ष जगह मतदाताओं को पैस वितरीत करने में रस्सीखेच दिखाई दी. चामोर्शी व मुलचेरा में प्रति मतदाता 1 हजार से 2 हजार रूपये बांटने की चर्चा मतदाताओं में शुरू है. 

    चुनाव का आकलन शुरू 

    जिले में संपन्न हुए ग्राम पंचायत के चुनाव की तुलना में नगर पंचायत के चुनाव में प्रत्याशी तथा मतदाताओं में काफी जोश दिखाई दिया. इस चुनाव में स्थानीय मुद्दे ही चर्चा में रहे. प्रमुख पार्टी के अनेक इच्छूकों को टिकट नहीं मिलने से उन्होने अन्य दलों में प्रवेश कर अपनी ताकद दिखाई. वहीं साम, दाम, दंड का उपयोग करते हुए मतदाताओं को अपना करने का प्रयास किया गया.

    मंगलवार को संपन्न हुए मतदान के बाद अब प्रत्याशियों के साथ राजनितिक दल के कार्यकर्ता अपने अपने प्रत्याशी के जीत का दांवा कर रहे है. किसी कितने वोट मिले, किसके वोट किसे गए इसे लेकर अनुमान जताते हुए चुनाव का आंकलन शुरू है. किंतू कोन चुनकर आएगा, यह मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा.