जंगली हाथी हुए महुआ फुल के शौकिन, घरों में महुआ फुल रखना लोगों को पड़ रहा महंगा

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    गड़चिरोली. महुआ फुल हाथियों का पसंदिदा खाद्य है. और हाथियों की सुंगने की क्षमता भी काफी मजबूत है. ऐसे में वर्तमान स्थिति में जंगली हाथी धानोरा तहसील के जंगल में ड़ेरा ड़ाले हुए है. ऐसे में यह तहसील आदिवासी बहुल और जंगलव्याप्त होने के कारण तहसील के विभिन्न गांवों के आदिवासी नागरिकों ने महुआ फुल का संकलन कर घरों में महुआ फुल का भंडार तैयार कर बिक्री के लिये रखा है.

    लेकिन वर्तमान स्थिति में अपने घरों में महुआ फुल का भंडार तैयार कर रखना इस तहसील के नागरिकों को महंगा पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि, महुंगा फुल के सुगंध से ही जंगली हाथी घरों पर आक्रमण कर रहे है. अब तक जंगली हाथियों ने इस तहसील के विभिन्न गांवों में घरों पर आक्रमण कर घरों को क्षति पहुंचाई है. जिससे अब इस तहसील के नागरिक घरों में रखे महुआ फुल बेचना शुरू कर दिया है.

    घरों समेत फसलों को भी पहुंचाया नुकसान

    गत माह ओडिसा राज्य से छत्तीसगढ़ होते हुए जंगली हाथियों का झुंड धानोरा तहसील में पहुंचा. जंगली हाथी इस तहसील में दाखिल होते ही उत्पात मचाना शुरू कर दिया है. 17 अक्टूबर को मरवा गांव समीपस्थ खेतों में घुसकर धान फसलों का नुकसान किया. इसके बाद 19 अक्टूबर को कन्हारटोला में अशोक मड़ावी नामक किसान पर जानलेवा हमला करने के साथ ही धान फसलों का नुकसान किया.

    वहीं 23 अक्टूबर को मुंजालगोंदी गांव में घुसकर घरों को क्षति पहुंचायी. और हाल ही में 3 अक्टूबर को इसी तहसील के भोजगाटा गांव में तीन घरों को गिरा दिया. इसके साथ ही भोजगाटा, कवडीकसा, कन्हालटोला, केरमनार, ईरूपधोडरी समेत परिसर के गांवो में धान फसलों को नुकसान पहुंचाया है.

    क्षेत्र सुरक्षित होने से हाथियों ने डाला डेरा: उमरे

    वन्यजीवन मानद सदस्य मिलिंद उमरे ने बताया कि, महुआ फुल पोष्टिक होने के साथ ही हाथियों का पंसदिदा खाद्य है. हाथियों की सुंगने की क्षमता मनूष्य से कई गुणा अधिक है. वर्तमान स्थिति में सिंदेसूर-मुंजालगोंदी यह क्षेत्र   पुरी तरह जंगली हाथियों के लिये सुरक्षित है. इस क्षेत्र में घना जंगल, बड़ी मात्रा में खाद़्य पदार्थ, पानी की सुविधा होने के कारण हाथी इस क्षेत्र में है.

    हाथियों द्वारा घरों पर होनेवाले हमले महुआ फुल के लिये होने की बात नकारी नहीं जा सकती. जिससे नागरिकों को महुआ फुल सुरक्षित जगह पर रखना बेहद आवश्यक है. इस संदर्भ में सुविधा उपलब्ध कराने हेतु वनविभाग को ध्यान देेने की आवश्यकता है. ऐसी बात उन्होंने कही.

    नुकसानग्रस्तों को 55 हजार का मुआजवा

    जंगली हाथी के झुंड़ ने अनेक किसानों के धान फसलों का नुकसान पहुंचाया है. नुकसानग्रस्त क्षेत्र का पंचनामा करने के लिये वनविभाग के कर्मचारी समेत प्रशासन के स्थानीय कर्मचारी मौके पर पहुंच रहे है. इस बीच कन्हालटोला व मुंजालगोंदी के नुकसानग्रस्त किसानों को मुआवजा के रूप में 55 हजार रूपयों की राशि वितरित की गई है. ऐसी जानकारी वनविभाग से मिली है.