
गडचिरोली. सुरजागड प्रकल्प से कच्चे माल की ढूलाई करनेवाले भारी ट्रकों से सडकों की खस्ताहालत, खुदाईकरण के लिये पर्यावरण को क्षति पहुंचते और प्रकल्प के चलते जल भंडार नष्ट होने समेत विभिन्न कारणों के चलते सोमवार को तहसील अन्याय विरोधी संघर्ष समिति द्वारा एटापल्ली में आंदोलन किया गया.
इस आंदोलन को एटापल्ली शहर के व्यापारी, राजनितिक दल और सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया. जिसके कारण एटापल्ली का व्यापार दिनभर बंद रहा. वहीं एटापल्ली के उपविभागीय अधिकारी कार्यालय पर विशाल मोर्चा निकाला गया. उपविभागीय अधिकारी को अपने विभिन्न मांगों का ज्ञापन सोंपा गया. इस आंदोलन में एटापल्ली तहसील के नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.
ट्रकों की आवाजाही से लोग त्रस्त
आंदोलनकर्ताओं ने कहां कि, सुरजागड पहाडी पर शुरू उत्खनन और यातायात के चलते क्षेत्र के आदिवासी नागरिकों में तीव्र नाराजगी व्याप्त है. वहीं स्थानीय नागरिकों को इसका खामियाजा भुगतना पड रहा है. प्रकल्प से कच्चे माल की ढुलाई करनेवाले ट्रकों के चपेट में आने के कारण अब तक अनेक लोगों ने अपनी जान गवाई है. इसके अलावा सडकों की हालत खस्ता होने के साथ ही पेडों की कटाई की जा रही है. इस प्रकल्प् के चलते जलस्त्रोत कम हो रहे है. जिससे जलसंकट की समस्या निर्माण होने का आरोप आंदोलनकर्ताओं ने लगाया है.
इन मांगों का है समावेश
लोहखनिज ढूलाई करनेवाले स्वतंत्र रेलमार्ग तैयार करने, तब तक यातायात बंद रखने. जलस्तर बढाने के लिये बांध का निर्माण करने, सभी सुविधायुक्त अस्पताल निर्माण करने, रॉयल्टी से मिलनेवाले 75 फिसदी निधी से तहसील का विकास करने, बसों की संख्या बढाकर यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने, आलापल्ली-चोखेवाडा मार्ग का कार्य करने, प्रकल्प में स्थानीय 80 फिसदी युवाओं को रोजगार देने आदि समेत विभिन्न मांगों का समावेश है.