Online game became the reason for the murder in Thane, Maharashtra, after the argument, the man murdered his own friend
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    गोंदिया. बीते 23 जून को चिचगड़ थाने में जानकारी मिली कि एक महिला का शव भासगड़ (पिपरखारी) मार्ग के किनारे पड़ा है. इसके बाद चिचगड़ थाने की पुलिस टीम घटना स्थल पर पहुंची. शव का निरीक्षण करने पर पता चला कि उसके सिर पर धारदार शस्त्र से हमला किया गया है. गणेशराम सीताराम मारगाये (67) की शिकायत पर चिचगड़ थाने में अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

    पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे के मार्गदर्शन व उपविभागीय पुलिस अधिकारी जालींदर नालकुल के निर्देश पर मामले की जांच प्रारंभ हुई. जिसमें उक्त अज्ञात महिला की पोस्ट सोशल मीडिया पर भी शेयर की गई, वहीं अखबारों में भी इसकी जानकारी दी गई.

    फिर भी कुछ पता नहीं चलने पर पुलिस की चार टीमें तैयार कर अन्य जिलों में तथा छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश राज्य में भी उन्हें भेजा गया. 18 जुलाई को मिली गुप्त जानकारी के आधार पर बूटीबोरी में जाकर पूछताछ की गई व शक के आधार पर बूटीबोरी निवासी समीर असलम शेख (26), भंडारा निवासी आसिफ शेर खां पठान (35), मांगली नागपुर निवासी प्रफुल पांडुरंग शिवणकर (25) को गिरफ्तार किया गया. 

    पत्नी की तरह रखा, शादी की मांग पर किया मर्डर

    कड़ाई से पूछताछ करने पर समीर शेख ने बताया कि मृतक के साथ उसके दो वर्षों से प्रेम संबंध थे तथा उसे पत्नी बनाकर वह किराए के मकान में बूटीबोरी में जुलाई 2020 में रहता था. लेकिन फरवरी 2021 में समीर के माता-पिता ने दूसरी जगह शादी जोड़ दी. यह बात मृतक को पता चलते ही वह समीर को शादी करने के लिए जोर दे रही थी. जिस पर समीर ने उसकी हत्या करने के इरादे से अपने रिश्तेदार भंडारा निवासी आसिफ पठान व प्रफुल शिवणकर से संपर्क किया.

    वे उसे अपने साथ घुमाने के बहाने चिचगड़ थाने के तहत ढासगड़ जंगल में ले गए. जहां तीनों ने मिलकर उसकी धारदार हथियार से 22 जून को हत्या कर दी. तीनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां उन्हें 23 जुलाई तक पुलिस हिरासत दी गई है. जांच उपविभागीय पुलिस अधिकारी जालींदर नालकुल कर रहे हैं.

    उक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक विश्व पानसरे, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर के मार्गदर्शन में उपविभागीय पुलिस अधिकारी जालींदर नालकुल, पुलिस निरीक्षक बबन आव्हाड़, वैशाली पाटिल, थानेदार अतुल तावाडे, उपनिरीक्षक अभयसिंह शिंदे, वानखेड़े, गोपाल कापगते, चंद्रकांत करपे, राजेंद्र मिश्रा, दीक्षित कुमार दमाहे, धनंजय शेंडे, प्रभाकर पालांदुरकर, संजय मारवाडे, विनोद बरैया, मोहन शेंडे, महेश मेहर, चित्तरंजन कोडापे, तुलसीदास लुटे, सोमेंद्र तुरकर, नियाज शेख, इंद्रजीत बिसेन, अजय रहांगडाले, संतोष केदार, विजय मानकर, पंकज खरवडे आदि ने की.