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    गोंदिया. कोरोना संक्रमण से अनेक परिवार के मुखिया की मौत हो चुकी है. यहां तक ” कि छोटे बालकों के माता-पिता की भी मौत हो गई. गोंदिया जिले में कोरोना से 11 बालक अनाथ हो गए हैं. इन बालकों को शासकीय मदद देने में गोंदिया जिले ने राज्य में अव्वल स्थान प्राप्त किया है. इन बालकों को शासन द्वारा जारी की गई योजना का लाभ मिल रहा है.

    उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण ने कितने परिवार बर्बाद कर दिए हैं. यह प्रशासन द्वारा किए गए सर्वे के आकड़ों को देखते ही बनता है. गोंदिया जिले में 42 हजार 635 लोगों को कोरोना ने अपनी चपेट में ला लिया. जिनमें से 579 व्यक्तियों की कोरोना से मौत हो चुकी है. जिनमें से ऐसे 11 परिवार है, पति-पत्नी की मृत्यु हो गई.

    जिस कारण 11 बालक अनाथ हो चुके हैं. वहीं 281 बालकों के पिता या माता की मृत्यु हुई है. ऐसे अनाथ बालकों को सहारा मिले. इसके लिए शासन ने बाल संगोपन, फिक्स डिपाजिट, प्रधानमंत्री केअर योजना शुरु की  है. इन योजनाओं के माध्यम से अनाथ बालकों को आर्थिक मदद की जा रही है.

    इतना ही नहीं तो, शिक्षा शुल्क पूरी तरह से माफ किया जाता है. इन सारी योजनाओं का लाभ गोंदिया जिला प्रशासन की ओर से दिया जा रहा है. बताया गया है कि शत प्रतिशत योजना का लाभ देने में गोंदिया जिला राज्य में अव्वल स्थान पर है. इसके लिए जिलाधीश, जिला महिला व बाल विकास अधिकारी तथा उनकी टीम ने अथक प्रयास किया है.

    जैन फाउंडेशन व बाल विकास विभाग भी कर रहा मदद

    इस संदर्भ में जिला महिला व बाल विकास अधिकारी तुषार पौनीकर द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में ऐसे 11 बालक है, जिनके माता-पिता की मृत्यु कोरोना से हुई है. वहीं 281 बालकों के माता-पिता में से एक की मृत्यु हुई है.

    अनाथ हुए 11 बालकों को उपरोक्त सारी योजनाओं का लाभ देने में जिला प्रशासन ने सफलता पाई है. वहीं 281 बालकों में से 266 बालकों को बाल संगोपन योजना का लाभ दिया जा रहा है. वहीं 42 बालकों की शिक्षा शुल्क के लिए संस्था की ओर से मदद की जा रही है.