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    गोंदिया. जिले में अक्टुबर 2017 में ग्रापं के चुनाव हुए थे  लेकिन नियमानुसार चुनाव  के बाद खर्च का हिसाब चुनाव विभाग को देना अनिवार्य होता है. ऐसे 1702 उम्मीदवारों को आगामी 5 वर्ष तक चुनाव लड़ने की दृष्टि से अपात्र ठहराया गया है. महाराष्ट्र ग्रापं अधिनियम अंतर्गत जिले में ग्रापं के चुनाव के लिए 16 अक्टुबर 2017 को मतदान किया गया था. 17 अक्टुबर को मतगणना हुई थी. इस चुनाव  में उम्मीदवारों ने 30 दिन के अंदर चुनाव खर्च प्रस्तुत करने संबंधी शपथपत्र चुनाव विभाग को लिखकर दिया है  लेकिन हिसाब प्रस्तुत नहीं किया.

    महाराष्ट्र ग्रापं अधिनियम 1958 की धारा 14 (ब) अनुसार किसी व्यक्ति ने राज्य चुनाव आयोग ने निर्धारित किए समय पर चुनाव खर्च का हिसाब प्रस्तुत नहीं किया या हिसाब प्रस्तुत नहीं करने का ठोस कारण नहीं देने पर जिलाधीश व जिला चुनाव निर्णय अधिकारी ने राज्य चुनाव आयोग के खर्च संबंधी आदेश 4, 27 अगस्त 2021 अन्वये आदेश की तिथि से 5 वर्ष की अवधि के लिए पंस सदस्य, सरपंच रहने या ऐसे सदस्य होने के लिए चुनाव लडऩे से जिले के 1702 उम्मीदवारों को अपात्र घोषित किया है.

    इन 1702 उम्मीदवारों में गोंदिया तहसील के सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ने वाले 41 व सदस्य पद के लिए चुनाव आवेदन प्रस्तुत करने वाले 543 इस तरह कुल 574 प्रस्तुत करने वाले 22 व सदस्य पद के लिए चुनाव में आवेदन प्रस्तुत करने वाले 276 इस तरह कुल 298 उम्मीदवार है. आमगांव तहसील में सरपंच पद के लिए चुनाव में आवेदन प्रस्तुत करने वाले 8 व सदस्य पद के लिए चुनाव आवेदन प्रस्तुत करने वाले 121 इस तरह कुल 129 उम्मीदवारों का समावेश है.

    गोरेगांव तहसील में सरपंच पद के लिए चुनाव में आवेदन प्रस्तुत करने वाले 8 व सदस्य पद के लिए चुनाव में आवेदन प्रस्तुत करने वाले 11 व सदस्य पद के लिए आवेदन करने वाले 84 इस तरह कुल 95 उम्मीदवार है. सालेकसा तहसील में सरपंच पद के लिए चुनाव में आवेदन करने वाले 5 व सदस्य पद के लिए चुनाव में आवेदन करने वाले 42 इस तरह कुल 47 उम्मीदवार है. सडक अर्जुनी तहसील में सरपंच पद के लिए चुनाव में आवेदन करने वाले 34 व सदस्य पद के लिए चुनाव में आवेदन प्रस्तुत करने वाले 186 इस तरह कुल 220 उम्मीदवार हैं. इसी तरह तिरोड़ा तहसील में सरपंच पद के लिए चुनाव में आवेदन प्रस्तुत करने वाले 36 व सदस्य पद के लिए 233 इस तरह कुल 269 उम्मीदवारों का समावेश है.

    इच्छुक उम्मीदवारों को मिलेगी सीख

    जिलाधीश ने चुनाव लड़कर खर्च प्रस्तुत नहीं करने वाले 1702 उम्मीदवारों को 5 वर्ष के लिए अपात्र घोषित कर उन्हें बड़ा झटका दिया है. जिससे अब चुनाव लड़ने वाले अन्य उम्मीदवारों को इस निर्णय से ऐसी गलती करना कितनी महंगी साबित हो सकती है. इसकी एक सीख मिलेगी.

    अनेक लोगों पर लगेगी रोक

    चुनाव आयोग के इस निर्णय से चुनाव प्रक्रिया अधिक जटिल करने वाले व चुनाव में नाहक उम्मीदवारी दाखिल करने वालों पर रोक लगेगी. इसके आगे चुनाव सरल व सुचारू रूप से कराने में मदद होगी.

    0हरिंद्र मेठी

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