
- नवेगांव-नागझिरा के संरक्षित वनक्षेत्र में व्यवस्था
गोंदिया. नवेगांव-नागझिरा के संरक्षित वन क्षेत्र में वन्य प्राणियों की प्यास बुझाने के लिए 256 जलस्त्रोतों की व्यवस्था की गई है. जिसमें 154 कृत्रिम जलस्त्रोत, 78 प्राकृतिक जलस्त्रोत व 24 बड़े तालाबों का समावेश है. फिलहाल इनमें पर्याप्त पानी है. ग्रीष्मकाल में जल संकट निर्मित हुआ तो कृत्रिम जलस्त्रोत बढ़ाए जाएंगे.
वनविभाग के प्रयास
जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में नवेगांव-नागझिरा को व्याघ्र प्रकल्प का दर्जा प्राप्त हुआ है. जिसके बाद वन्यजीवों के संरक्षण के लिए वन्यजीव विभाग द्वारा निरंतर कार्य किए जा रहे हैं. उक्त वनक्षेत्र 1241 चौ किमी में बफर क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया है. इन क्षेत्रों में वन्यजीवों के व्यवस्थापन के लिए भारतीय वन्यजीव संस्था देहरादून द्वारा जारी निर्देशानुसार प्रत्येक चौरस किमी क्षेत्र अंतर्गत वन्यजीवों के लिए एक जलस्त्रोत की व्यवस्था होना अनिवार्य है. जिसके तहत जिले के संरक्षित वन क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुसार जलस्त्रोत उपलब्ध किए गए है.
पानी के लिए भटकते है वन्यजीव
उल्लेखनीय है कि ग्रीष्मकाल में अनेक बार कृत्रिम व प्राकृतिक जलस्त्रोत गर्मी के कारण सूख जाते हैं. ऐसी स्थिति में पानी उपलब्ध कराने विभाग की ओर हैंडपम्प, सोलर पंप की व्यवस्था की जाती है. ग्रीष्मकाल के जलसंकट से निपटने विभाग की ओर से सभी तैयारियां की जा रही है. फिलहाल सभी जलस्त्रोतों में पर्याप्त पानी उपलब्ध है.