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  • अब तक खरीदी 6.29 लाख की धान
  • जिले में मार्केटिंग फेडरेशन के 70 केंद्र

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गोंदिया. जिला मार्केटिंग फेडरेशन अंतर्गत फिलहाल कुल 70 शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर 6 लाख 29 हजार क्विंटल धान की खरीदी की गई. पिछले 8 दिनों में सभी धान खरीदी केंद्रों पर धान की आवक बढ़ गई है, जिससे केंद्रों पर किसानों की भीड़ दिखाई दे रही है. जिले में जिला मार्केटिंग फेडरेशन व आदिवासी विकास महामंडल अंतर्गत गारंटी मूल्य पर धान खरीदी की जाती है. गत वर्ष खरीफ सीजन में 31 लाख क्विंटल धान की खरीदी फेडरेशन ने की थी. इसी अनुमान को ध्यान में रखकर इस बार 30 लाख क्विंटल धान खरीदी का नियोजन किया गया. जिलाधीश ने मार्केटिंग फेडरेशन व आदिवासी विकास महामंडल को कुल 114 धान खरीदी केंद्रों की मंजूरी दी है.

फेडरेशन ने 70 धान खरीदी केंद्रों पर कुल 12,948 किसानों से 6 लाख 29 हजार क्विंटल धान खरीदी की है. जिसकी कीमत 111 करोड़ रुपये है. इसमें 66 करोड़ रुपये के चुकारों का भुगतान कर दिया गया है. शेष 55 करोड़ रुपये के चुकारे के लिए मार्केटिंग फेडरेशन को निधि प्राप्त हुई है, जिससे इसका भुगतान तत्काल ही किसानों के बैंक खातों में जमा करने की शुरुआत की जाएगी. शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर आवक बढ़ गई है, इसके बावजूद कुछ केंद्रों पर लापरवाही दिखाई दे रही हैं, इतना ही नहीं किसानों को भ्रमित करने की शिकायते भी मिल रही हैं.

15 लाख क्षमता वाले गोदाम उपलब्ध

फेडरेशन ने इस बाद खरीप मौसम में 30 लाख क्विंटल धान खरीदी करने का नियोजन किया है, लेकिन वर्तमान में 277 गोदाम उपलब्ध है. इसमें 15 लाख क्विंटल धान रखने की क्षमता है. शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर खरीदा गया धान राइस मिलर्स के माध्यम से मीलिंग कर शासन के पास जमा किया जाता है, जिससे गोदाम की समस्या नहीं होगी. ऐसा मार्केटिंग फेडरेशन के अधिकारी ने बताया. जिले में आदिवासी विकास महामंडल अंतर्गत खरीदी किए धान रखने के लिए अब तक गोदाम की पूर्ण रूप से व्यवस्था नहीं की गई है. जिससे लाखों क्विंटल धान खुले में पड़ा रहता है व हर वर्ष हजारों क्विंटल धान का नुकसान होता है. इसमें करोड़ों का शासन को घाटा उठाना पड़ता है. इसके लिए शासन ने अब तक कोई ठोस कमद नहीं उठाया है. जिससे गोडाउन की स्थाई व्यवस्था आखिर कब होगी यह सवाल किया जा रहा है.