Schools will not start in September also, teacher friend campaign in Manpa and ZP
प्रतीकात्मक तस्वीर

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    गोंदिया. राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना शाला शुरू या सरकार से मान्यता हटाए जाने के  बाद भी संचालित शालाओं को अनाधिकृत घोषित किया जाता है. यूडायस 2020-21 के तहत किए गए सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में 674 शालाएं अनाधिकृत पाई गई हैं. इस बीच शिक्षा विभाग की ओर से संबंधित  प्रबंधन को शाला बंद करने का नोटिस जारी किया गया है. इस सूची में जिले के तीन शालाएं  भी शामिल हैं, जिनमें से दो को बंद कर दिया गया है और एक को  नोटिस जारी किया गया है.

    राज्य में 674 शालाएं अनाधिकृत होने की बात सामने आई हैं. ऐसी शालाओं के  संचालन से वहां के कर्मचारी, अभिभावकों व विद्यार्थियों के साथ धोखाधड़ी की आशंका को देखते हुए प्राथमिक शिक्षण संचालक दिनकर टेमकर द्वारा  संबंधित शालाओं के  खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. इसमें नियमानुसार अनाधिकृत शालाओं पर 1 लाख रु. का जुर्माना व शाला बंद करने की सूचना देने के बाद भी वह शुरु रहने पर प्रति दिन 10,000 रु. दंड का स्पष्ट उल्लेख है. 

    अनाधिकृत शालाओं की सूची प्रकाशित कर कार्रवाई की मांग कॉप्स संगठना द्वारा की गई थी.  इस पृष्ठभूमि में शिक्षण आयुक्त सूरज मांढरे के निर्देशानुसार अनाधिकृत शालाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश टेमकर ने राज्य के सभी जिला परिषद प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षणाधिकारी,  मुंबई के शिक्षण  निरीक्षकों को जारी पत्र द्वारा दिए गए हैं. 

    कार्रवाई के निर्देश

    राज्य मंडल से संलग्न शालाओं के लिए राज्य शासन की अनुमति आदेश,  सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी आदि से संबद्ध स्कूलों के लिए  राज्य अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना शाला शुरू किए जाने पर और यदि मान्यता हटाए जाने पर भी शालाएं चल रही है तो उन शालाओं को  अनाधिकृत  घोषित कर  उनकी सूची स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित करने, किसी भी बच्चे को अनाधिकृत शाला में प्रवेश नहीं दिया जाए,  संबंधित शाला में प्रवेश लेने पर शैक्षणिक नुकसान होगा.

    इस तरह की स्पष्ट सूचना का फलक शाला के  प्रवेश द्वार पर लगाकर उसे कोई हटा न दे यह सुनिश्चित करने, अनाधिकृत शालाओं की अद्यतन सूची जिला  व तहसील स्तर के कार्यालयों के परिसरों में लगाने जाएं. ऐसा भी उक्त आदेश में स्पष्ट किया गया है.  साथ ही अनाधिकृत शाला जारी रहने पर संबंधित स्कूल प्रबंधन पर एक लाख रु. का जुर्माना लगाया जाए और सूचना देने के बाद भी शाला बंद न करने पर प्रतिदिन 10 हजार रु दंड लेने संबंध में   उल्लेख किया गया है. जुर्माना वसूली के संबंध में शासन राजपत्र 2012 के अनुसार निर्धारित कार्य के दायरे के अनुसार कार्रवाई कर उसका अहवाल  प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए गए हैं. 

    जिले की अनाधिकृत शालाएं 

    इस सर्वेक्षण में जिले में तीन अनाधिकृत शालाएं पाई गई.  जिनमें अमगांव तहसील के रिसामा में बुध्दिस्ट इंटरनेशनल स्कूल, सालेकसा तहसील के साखरीटोला में बुध्दिस्ट इंटरनेशनल स्कूल व  देवरी तहसील के चिचगड में सुभद्रा देवी स्कूल शामिल हैं. जिसमें साखरीटोला व रिसामा स्थिति बुध्दिस्ट इंटरनेशनल स्कूल को बंद किया गया है और चिचगड स्थित शाला को नोटिस दिया गया. 

    स्थानीय स्तर पर कार्रवाई

    जिले में अनाधिकृत विद्यालयों की सूचना वरिष्ठों से प्राप्त हुई है  तथा जिले में तीन अनाधिकृत शालाएं पाई गई हैं. इस बीच  आमगांव व सालेकसा की शालाओं को  बंद कर दिया गया है जबकि  चिचगड स्थित शालाओं  को नोटिस जारी किया गया है. विशेष रूप से स्थानीय स्तर पर कार्रवाई की जा रही है.