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    गोंदिया. शासकीय अधिकारी कर्मचारियों पर ड्युटी के दौरान हमला करना यह अपराध कानून कड़ा किया गया है. इसके बाद भी विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों को सतत ऐसे मामलों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं यह घटना कभी कभी गंभीर रूप धारण करती है. रेती चोरी करने वाले माफिया राजस्व कर्मचारियों पर, शराब विक्रेता, रेती माफिया, भू माफिया यह पुलिस पर वन माफिया यह वन कर्मचारियों पर हमले करते हैं और आरोपियों को गिरफ्तार करने में सतर्क रहना पड़ता है.

    जुआ और वरली मटका पर छापा मारते समय पुलिस पर हमले होते हैं. पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए जाने पर आरोपियों ने पुलिस पर ही हमला किया. इसमें पुलिस कर्मचारी घायल हो गए. इस तरह की घटना हमेशा निर्मित होती है. इन घटनाओं को पुलिस विभाग को टालना संभव नहीं है. कार्रवाई के दौरान आरोपियों द्वारा विरोध होता है. जिससे मारपीट की घटना घटती है.

    काम करने वाले कर्मचारियों पर हमले होने लगे हैं. जिससे वे काम कैसे करें यह उनके सामने बड़ा प्रश्न है. बकाया विद्युत बिल का भुगतान नहीं करने पर विद्युत पूर्ति खंडित करने के लिए जाने वाले विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों पर हमला करने का प्रमाण बढ़ा है. बिल अधिक भेजने से बिल नहीं भरते आप विद्युत पूर्ति खंडित करें ऐसा लोगों का कहना है.

    12 शासकीय अधिकारी कर्मचारियों पर हमले

    जिले में पिछले 6 महीने में 12 शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों पर हमले हुए हैं. जिससे अधिकारियों की भी परवाह नहीं करने की तस्वीर दिखाई दे रही है. इसमें अधिकारियों के खिलाफ रोष निर्मित होने पर उस संदर्भ में शिकायत अधिनस्थ कर्मचारियों को देनी पड़ती है.

    8 मामले दर्ज हुए

    महावितरण, राजस्व, वन विभाग व पुलिस विभाग जैसे विभिन्न विभागों के शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों पर किए गए हमले के मामले दर्ज किए गए हैं. जिले में अब तक 6 महीने में शासकीय कर्मचारियों पर हमले की 8 घटना घटी है. इसमें श्रेणी 3 व श्रेणी 4 वाले कर्मचारियों को नागरिकों के रोष का शिकार होना पड़ा है.

    सबसे अधिक विद्युत कर्मचारियों पर हमले

    विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी कार्रवाई के लिए जाने के बाद उन पर सतत हमले हो रहे है. इसमें विभिन्न प्रकार के रोष इन कर्मचारियों को सहन करना पड़ता है. सबसे अधिक हमले विद्युत आपूर्ति  खंडित करने के लिए जाने वाले कर्मचारियों पर किए जाते है. जिले में विद्युत कर्मचारियों पर हमले की संख्या भी अधिक है.

    5 वर्ष की सजा का प्रावधान

    शासकीय कार्य में बाधा निर्मित कर सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बनाया गया है. जिसमें मिनीमम 5 वर्ष तक सजा हो सकती है. इसके अलावा आरोपी को जमानत भी सहजता से नहीं मिलती है.