
गोंदिया. पशु वैद्यकीय पदवी प्राप्त किए बिना तथा महाराष्ट्र राज्य पशु वैद्यकीय परिषद के पास पंजीयन बिना राज्य में पशु वैद्यकीय व्यवसाय करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय शासन ने लिया है. इस संदर्भ में कृषि व पशु संवर्धन विभाग के माध्यम से विभागीय व राज्य स्तरीय समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है. पदवीधर पशुवैधक शैक्षणिक डिग्री प्राप्त करने वाले पशु वैधकों को महाराष्ट्र राज्य पशुवैधक परिषद के पास पंजीयन उपरांत पशु वैद्यकीय सेवा करने या पशु वैद्यकीय व्यवसाय करने की मान्यता प्राप्त होती है.
राज्य में पशुवैद्यक बिना शैक्षणिक डिग्री वाले फर्जी पशु डाक्टरों द्वारा पशुवैधक व्यवसाय करने की अनेक शिकायत प्राप्त हो रही है. इस तरह बिना डिग्री प्राप्त स्वयं को पदवीधर डाक्टर होने का अहसास कराकर पशु वैद्यकीय व्यवसाय करने वाले फर्जी पशु वैद्यकीय व्यवसाय करने वालों के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य पशुवैधक परिषद द्वारा कार्रवाई की जाती है.
इसी तरह फर्जी पशुवैधकों की खोज करने व जांच करने के लिए महाराष्ट्र राज्य पशुवैधक परिषद के पास पर्याप्त मनुष्य बल उपलब्ध नहीं है जिससे प्राप्त होने वाली शिकायतों को लेकर संबंधितों की खोज कर उनके पास वाले आवश्यक कागज पत्रों की जांच कर उसमें तथ्य पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. इसी तरह कार्रवाई करने के लिए विभागीय स्तर पर तथा राज्य स्तर पर समितियां गठित करने का निर्णय राज्य शासन ने लिया है. विभागीय समिति राज्य समिति को देगी अहवाल
पदवीधर पशुवैधक शैक्षणिक डिग्री होने की खात्री कराकर पशुओं का उपचार करने का व्यवसाय करने वाले फर्जी व्यवसायी डाक्टरों के खिलाफ प्राप्त होने वाली शिकायतों के लिए जिस प्रादेशिक विभाग से ऐसी शिकायत प्राप्त हुई है उससे संबंधित प्रादेशिक सह आयुक्त पशु संवर्धन ने उनकी अध्यक्षता में गठित की विभाग स्तरीय समिति के माध्यम से विस्तृत जांच कर उसकी सिफारिश सहित आवश्यक वह अहवाल राज्य स्तरीय समिति को प्रस्तुत करें.
विभागीय स्तर पर समिति का अहवाल प्राप्त होने के बाद राज्य स्तरीय समिति ने अहवाल की जांच कर उनके स्वयं स्पष्ट अभिप्राय सहित आवश्यक वह अहवाल शासन के समक्ष आगे की कार्रवाई के लिए प्रस्तुत किया जाएगा.