Municipal elections postponed till February 12 amid rising corona cases in West Bengal
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    गोंदिया.  जिला परिषद चुनाव को लेकर अत्यंत बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था. क्योंकि यहां इसका कार्यकाल 16 महिने पूर्व ही पूरा हो चुका था लेकिन  कोरोना संक्रमण के चलते चुनाव आगे बढता गया.

    चुनाव आयोग द्वारा की गई घोषणा के अनुसार जिले की जिप 53 व 8 पंचायत समितियों की 106 सीटों के लिए 21 दिसंबर को मतदान तथा 22 दिसंबर को मतगणना होगी. घोषणा होते ही सभी राजनीतिक दल, अन्य संगठन व इच्छुकों में भारी हलचल शुरू हो गई है. वैसे तो महीनों पूर्व से ही सारे दल इस संदर्भ में अत्यंत सक्रियता के साथ मतदाताओं के बीच पहुंचने लगे थे.

    जगह जगह राजनीतिक दलों के द्वारा बैठकें व सम्मेलन के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मंडई व मेलों में मनोरंजन के नाम पर लोगों की भीड एकत्र कर अप्रत्यक्ष तौर पर प्रचार रुपी अभियान  संचालित हुआ. सभी को यह कल्पना तो थी ही कि जल्द की यह चुनाव घोषित हो सकते हैं. उसे ध्यान में रखकर राजनीतिक दलों के नेता पूरी तरह हरकत में थे. 

    सांसद व राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल ने तो गोंदिया व भंडारा दोनों जिलों में इस चुनावी अभियान को भरपुर उर्जा प्रदान करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी.  विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे, पूर्व विधायक राजेंद्र जैन,  पूर्व सांसद डा. खुशाल बोपचे, राकांपा जिलाध्यक्ष गंगाधर परशुरामकर, म्हाडा के पूर्व सभापति नरेश माहेश्वरी, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले, विधायक सहसराम कोरोटे, जिलाध्यक्ष दिलीप बंसोड, डा. नामदेवराव किरसान, अशोक गुप्ता, रत्नदीप दहीवले, अमर वराडे, भाजपा के सांसद सुनील मेंढे, विधायक विजय रहांगडाले व डा. परिणय फुके, पूर्व मंत्री राजकुमार बडोले, पूर्व विधायक गोपालदास अग्रवाल, हेमंत पटले व  खोमेश रहांगडाले, जिला भाजपा अध्यक्ष केशवराव मानकर व जिप के पूर्व अध्यक्ष नेतराम कटरे,  शिवसेना के मुकेश शिवहरे व पंकज यादव के साथ ही अन्य दलों के नेता व कार्यकर्ता चुनावी तैयारी में पुरी तरह जुट चुके हैं.   

    जिप के पूर्व अध्यक्ष विजय महादेवराव शिवनकर ने  भाजपा से राकांपा में प्रवेश किया था. वर्षों तक जिला राकांपा अध्यक्ष रहे लेकिन ऐन वक्त पर फिर भाजपा में चले गए. उन्हें लेकर भाजपा की क्या योजना है उसकी अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. निर्दलीय के तौर पर विधायक निर्वाचित हुए विनोद एस. अग्रवाल ने चाबी संगठन बनाया है और  जोर शोर से इस चुनाव में उतरने वे सज्ज दिखाई दे रहे हैं. 

    पिछली जिला परिषद के 53 सदस्यों में 20 की संख्या के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस सबसे बडी पार्टी थी लेकिन कांग्रेस व भाजपा ने अपने तमाम मतभेदों को भुलाकर और हर कीमत पर राष्ट्रवादी को सत्ता पर आने से रोकने के लिए युति कर ली तथा इस तरह भाजपा के 17 तथा कांग्रेस 16 सदस्यों ने मिलकर पूरे कार्यकाल तक  जिप का संचालन किया. जिले की 8 तहसीलों में जो 53 सीटें हैं उनमें  गोंदिया में सबसे अधिक 14 सीटें है और उसमें पांढराबोडी, पिंडकेपार, कामठा, कारंजा, कुडवा, काटी, धापेवाडा, खमारी, नागरा, बिरसोला, रतनारा, एकोडी, आसोली व फुलचुर, गोरेगांव तहसील में  कुरहाडी, घोटी, सहारवानी, सोनी, मुंडीपार व लिंबा, तिरोडा में सरांडी, सेजगांव, ठाणेगांव, कवलेवाडा, सुकडी, वडेगांव व अर्जुनी, सडक अर्जुनी में सौंदड, पांढरी, डव्वा, शेंडा व चिखली, अर्जुनी मोरगांव में गोठनगांव, बोंडगांवदेवी, माहुरकुडा, ईटखेडा, महागांव, केशोरी व नवेगांव, सालेकसा में तिरखेडी, झालिया, कारुटोला व पिपरिया, आमगांव में ठाणा, घाटटेमनी, कीकरीपार, गोरठा व अंजोरा तथा देवरी तहसील में गोटाफोडी, ककोडी,पुराडा, भर्रेगांव व चिचगड जिप क्षेत्रों का समावेश है. 

    1 से 6 दिसंबर तक नामाकंन दाखिल होने के साथ ही 21 दिसंबर को मतदान होने तक जिले में चुनावी सरगर्मी सतत तेज होती जाएगी.  एकला चलो की बात इस समय सभी दल कर रहे हैं लेकिन इससे किसी को भी बहुत ज्यादा फायदा होने की किंचित मात्र भी संभावना नहीं है यह वे सभी जानते है तथा  गठबंधन होने की  निश्चित संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.