Unemployment
प्रतीकात्मक तस्वीर

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    गोंदिया. गोंदिया को जिले का दर्जा मिलने से अनेक विकास कार्य हुए. लेकिन अब भी यहां बड़े उद्योग नहीं है. अदानी विद्युत प्रकल्प के अलावा जिले में अब भी कोई बड़ा प्रकल्प स्थापित नही किया गया है. जिले में आज नहीं तो कल बड़ा उद्योग स्थापित होगा इस आशा में जिले के अनेक बेरोजगार युवा खाली बैठे है. जिसके कारण आज जिले में बड़े पैमाने पर बेरोजगारों की फौज तैयार हो रही है.

    रोजगार के नाम पर जनप्रतिनिधियों द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिए जाते है लेकिन वह पुरे नहीं हो पाते. जिससे युवा वर्ग में रोष निर्मित हो रहा है. चुनाव के समय रोजगार देने का लॉलिपॉप देने जनप्रतिनिधि गायब हो गए है. गोंदिया जिले के नेता राज्य व केंद्र में बैठे है फिर भी जिले का विकास सही तरीके से नहीं हो पा रहा है. भले ही जिले में विकास होने की डींगे हाकी जाती है लेकिन अभी भी यहां के अनेक युवाओं को अब भी रोजगार नहीं मिला है.

    जिससे उनके समक्ष रोजगार का प्रश्न कायम ही है. कोरोना की पहली व दूसरी लहर में अनेक लोगों ने अपना रोजगार गवाया जिससे अब अनेक नागरिकों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. परिणाम स्वरूप दिनों दिन बेरोजगारों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. जिले में अदानी प्रकल्प के अलावा दूसरा कोई भी बड़ा प्रकल्प नहीं है. जिसके कारण जिले के सुशिक्षित बेरोजगार दूसरे शहर में जाकर रोजगार खोजने में लगे है. वहीं दूसरी ओर जिले में खेती के अलावा दूसरा कोई रोजगार नहीं होने से सर्वसामान्य नागरिक रोजगार के लिए जहां-तहां भटकते रहते है.

    ग्रीष्मऋतु व शीतऋतु में जिले के मजदूर रोजगार के लिए दूसरे शहर जाते है. जिससे उन्हें अपने परिवार की चिंता लगी रहती है. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए जिले के अनेक बेरोजगार युवक अपने ग्राम को नहीं छोड़ रहे है. गोंदिया जिले में वर्ष 2015-16, 2016-17 इस आर्थिक वर्ष में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का क्रियान्वयन किया गया. इसमें जिला देश में 10वें क्र. पर रहा है. जिससे गोंदिया जिले को केंद्र शासन द्वारा गौरवान्वित किया गया. लेकिन रोजगार गारंटी योजना में गोंदिया जिला समस्याओं से घिरा हुआ है.

    इससे स्पष्ट होता है कि जिले का विकास किस क्षेत्र में हुआ है. जिले में मुख्य तौर पर धान फसल ली जाती है. जिसमे खरीफ मौसम में बड़े पैमाने पर किसानों को उम्मीद रहती है. जिले का मुख्य व्यवसाय खेती है. लेकिन इस ओर जिले में रोजगार के संदर्भ में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है. जिससे यहां का युवा वर्ग आज भी औद्योगिक क्रांति की प्रतिक्षा कर रहा है. जिले में 2011 की जनगणना के अनुसार 13 लाख 23 हजार 635 जनसंख्या है. जिले में लगभग 3 लाख के लगभग परिवारों की संख्या है.

    जिले में लगभग 85 प्रश. शिक्षित लोग है. इतने बड़े पैमाने पर जनसंख्या होने के बाद भी यहां बड़ा प्रकल्प नहीं है यह आश्चर्य की बात ही है. नेता चुनाव के समय हर काम करने का सिर्फ प्रलोभन देते है लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद वे नागरिकों को पहचानते भी नहीं ऐसा शहर के अनेक नागरिकों द्वारा कहा जाता है. जिसके कारण अब जिले में बेरोजगार युवाओं की टोली भी बड़े पैमाने पर तैयार हो रही है. 

    काम के लिए युवाओं का जमावड़ा

    शहर के सब्जी मंडी में हर मंगलवार को काम की तलाश में बड़े पैमाने पर बेरोजगार युवाओं का जमावड़ा लगा रहता है. जो काम की तलाश में घंटो खड़े नजर आते है. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण उन्हें लोग घर में बुलाने से डरते है. एक मजदूर सुखदेव पंधरे ने बताया कि जिले के नेता चुनावी सभा में भाषणबाजी कर नागरिकों को अच्छे अच्छे लुभावने प्रलोभन देते है.

    बाद में वे अपने वादे से मुकर जाते है जिसके कारण हम युवा वर्ग आज भी हर मंगलवार को सब्जी मंडी परिसर में आकर काम की तलाश करते है. शहर में अगर काम नहीं मिला तो हम खेत मजदूरी करने लग जाते है. हम बेरोजगार युवाओं को कोई न कोई काम मिल जाएगा इस उम्मीद में जाग रहे है.