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तिरोड़ा. स्थानीय मे. हाजी लतीफ गत्री बीड़ी मेन्युफेक्चर्स बीड़ी कम्पनी पिछले 3 महीने से बंद है. जिससे बीड़ी मजदूरों पर भूखों मरने की नौबत आ गई हैं. जबकि पिछले 1 जून से मालिक को मजदूर व बीड़ी सप्लायर ठेकेदार बीड़ी के काम शुरू करने की मांग कर रहे हैं.

सैकड़ों मजदूर काम से वंचित
विशेष बात यह है कि हाजी लतीफ गत्री बीड़ी कम्पनी 100 वर्ष पुरानी कम्पनी है. इसके मालिक हाजी असरफभाई एंड ब्रदर्स नागपुर निवासी है. जबकि कम्पनी की शाखा तिरोड़ा में कार्यरत है. कंपनी में अंतिम बार 20 मार्च को मजदूरों से बीड़ी ली गई. लॉकडाउन की वजह से कंपनी ने बीड़ी लेना बंद कर दिया है. जबकि इस कंपनी के कर्मचारी काम पर है व कंपनी भी शुरू है.

कंपनी से जुड़े सैकड़ों बीड़ी मजदूर काम से वंचित है. जिससे उन्हें आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है. इसी बीच 1 जून से बीड़ी मजदूरों व बीड़ी सप्लायर्स ने पूर्व की तरह बीड़ी कारखाना शुरू करने की मांग की, किंतु कम्पनी के मालिक ने टालमटौल कर दिया. 

उल्लेखनीय है कि जिले की बीड़ी कम्पनियां शुरू हो गई है. किंतु यह कम्पनी अब तक शुरू नहीं हुई है. सम्पूर्ण राज्य में कहीं भी मजदूरों को लिए न्यूनतम वेतन कानून लागू है, उनके प्रावीडंट फंड की कटौती, ग्रैज्युएटी, स्पेशल अलाउंस व वेतन में छूट लागू है. जबकि कंपनी मजदूरों को सभी सुविधा नहीं दे रही है. 

विशेष बात यह है कि इस कम्पनी में कार्यरत मजदूरों से प्रोवीडंट फंड की कटौती की जाती है. इसी तरह मजदूरों को प्रति हजार बीड़ी का दर वर्ष 2016 से सिर्फ 80 रुपये दिया जा रहा है. वहीं शासन का बीड़ी दर प्रति हजार 198 रुपये है. कामगार यूनियन व मालक एसो. ने प्रति हजार बीड़ी को 100 रुपये व वेतन छूट 5 प्रश देने का निर्णय वर्ष 2015 में लिया था. जबकि आज भी कंपनी प्रति हजार 80 रुपये बीड़ी देकर अपने हाथ झटक रही है. मालिक मजदूरों का शोषण कर रहे हैं. इस संबंध में मजदूरों ने कई बार मालिक व मैनेजर से पूछताछ की है. 

सहायक कामगार आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
इस पर कंपनी का कहना है कि अधिक रेट देना संभव नहीं है. इस संबंध में बीड़ी मजदूरों ने पूर्व विधायक दिलीप बंसोड के माध्यम से सहायक कामगार आयुक्त नागपुर के अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. इतना ही नही बंसोड ने कंपनी के मैनेजर शमीमभाई खान से संपर्क कर चर्चा की थी. इस पर 20 जून से काम शुरू करने की बात कही गई थी. बावजूद बीड़ी कारखाना शुरू नहीं किया गया है. इन मजदूरों की मांग है कि उन्हें पिछले 4 वर्षों से वेतन के फरक की राशि का भुगतान करने, बीड़ी मजदूरों को शासन के जीआर के अनुसार मुआवजा देने व 3 महीने का वेतन अविलंब देने की मांग की है.