एसटी कर्मचारियों का भीख मांगो आंदोलन

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    गोंदिया. महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम का शासन में विलय करें इस प्रमुख मांग को लेकर राज्य सहित भंडारा विभाग के सभी एसटी कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू किया है. जिससे राज्य में लालपरी के चक्के रूके हुए है. विशेष बात यह है कि एसटी कर्मचारियों के इस आंदोलन को 3 माह की अवधि बित गई है. इसके बाद भी राज्य शासन ने अब तक इसका कोई हल नहीं निकाला है. जिससे कर्मचारियों के परिवार पर जीवन निर्वाह का प्रश्न निर्माण हो गया है.

    कर्मचारियों द्वारा राज्य शासन की इस भूमिका का निषेध किया जा रहा है. इतना ही नहीं गोंदिया डिपो के एसटी कर्मचारियों ने गणतंत्र दिवस पर भीख मांगों आंदोलन किया है. एसटी कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त नहीं हो रही है. कुछ गिनती के कर्मचारी काम पर लौटे है. फिर भी कर्मचारी आंदोलन पर अड़े है. एक ओर निगम द्वारा आय बढ़े इसके लिए प्रयास किए जा रहे है. रापनि द्वारा निवृत्त चालकों को काम पर बुलाया जा रहा है.

    वहीं निजी वाहन चालकों को भी अनुबंध पर काम पर लिया जा रहा है. इसी में अब एसटी के यातायात निरीक्षक सहित नियंत्रक को स्थायी रूप से चालक व परिचालक की जिम्मेदारी दी जा रही है. इसके बाद भी दुसरी ओर एसटी कर्मचारियों का पिछले तीन महीने से आंदोलन शुरू है. विशेष बात यह है कि जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. तापमान का पारा 8.8 अंश सेल्सिअस पर आ गया है. जिससे नागरिकों को ठंड से परेशानी सहन करनी पड़ रही है. ऐसी परिस्थिति में भी कर्मचारियों ने अपना आंदोलन कायम रखा है.

    कर्मचारियों के इस आंदोलन से भंडारा विभाग को हर दिन लाखों रु. का नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं सर्वसामान्य यात्रियों के बेहाल हो रहे है. विशेष बात यह है कि आंदोलन से मानव विकास योजना अंतर्गत बसेस भी बंद है. इसका असर विद्यार्थियों पर पड़ रहा है. जबकि आंदोलन पर अडिग कर्मचारियों ने राज्य शासन का निषेध कर हड़ताल के दौरान डिपो के कर्मचारियों ने राज्य सरकार के नाम पर दे दो बाबा ऐसे फलक हाथ में लेकर गोंदिया शहर के प्रतिष्ठानों में जाकर भीख मांगा है. इस समय सभी कर्मचारी अपने गणवेश में मुख्य बस स्थानक परिसर में जमा हुए. इसके बाद आंदोलन की शुरूआत की गई.

    अब तक  135 कर्मचारी निलंबित

    कर्मचारियों के आंदोलन से निगम को हर दिन लाखों रु. का नुकसान हो रहा है. जिससे कर्मचारी अपना आंदोलन वापस ले इसके लिए रापनि के माध्यम से विभिन्न प्रयास किए जा रहे है. इतना ही नहीं आंदोलन तोडऩे के लिए कर्मचारियों को निलंबित किया जा रहा है. इसके अनुसार अब तक हड़ताल में शामिल भंडारा विभाग अंतर्गत सभी 6 डिपो के 135 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है.

    साकोली डिपो के सबसे अधिक कर्मचारी

    इस आंदोलन में शामिल कर्मचारियों पर निगम द्वारा सतत कार्रवाई की जा रही है. इसमें सबसे अधिक कर्मचारी यह साकोली डिपो के है. इस डिपो के अब तक 44 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है. इसके बाद तिरोड़ा डिपो का नंबर है. इस डिपो के 25 कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही पवनी डिपो के 17, तुमसर 16, विभागीय कार्यशाला के 12, गोंदिया डिपो के 10, भंडारा डिपो के 7 व विभागीय कार्यालय व विभागीय भंडारा शाखा के क्रमश: 2 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है.