Crop Insurance

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    गोंदिया. नैसर्गिक आपत्ती से फसल के नुकसान होने पर फसल बीमा धारक किसानों को बीमा कंपनी द्वारा नुकसान मुआवजा दिया जाता है. लेकिन नुकसान की जानकारी किसानों को बीमा कंपनी के टोल फ्री क्रमांक पर 72 घंटे के अंदर देनी पड़ती थी. इसी तरह बीमा कंपनी के संबंधित व्यक्ति तक पहुंचानी पड़ रही थी.

    पूर्व में यह दो ही पर्याय होने से अनेक बार किसानों को समय पर नुकसान की जानकारी पहुंचाना संभव नहीं था. इसमें फसल बीमा कंपनी मनमानी कर रही थी.  अब इसमें सुधार करते हुए नुकसान के प्रस्ताव के लिए 6 पर्याय उपलब्ध करा दिए गए है. जिससे किसानों को इसकी मदद होगी. इतना ही नहीं बीमा कंपनी की मनमानी कार्यशैली पर ब्रेक भी लगेगा.

    पूर्व में थे दो पर्याय

    बीमा धारक किसानों को पूर्व में फसल के नुकसान की जानकारी बीमा कंपनी के टोल फ्री क्रमांक पर देनी पड़ती थी. टोल फ्री क्रमांक पर शिकायत की गई तो किसानों को बीमा कंपनी के संबंधित कर्मचारी के पास जाने का पर्याय था.

    इस तरह है नए 6 पर्याय

    किसान नुकसान की जानकारी 72 घंटे में टोल फ्री क्रमांक पर की जा सकेगी. ई मेल पर भी नुकसान की जानकारी दी जाएगी. तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय में जाकर नुकसान की जानकारी दी जा सकेगी. तहसील स्तर पर भी बीमा कंपनी के कर्मचारी कार्यरत हैं. जिससे उन्हें भी जानकारी दी जाएगी. नुकसान संबंधी आवेदन कर किसान जानकारी दे सकेंगे. किसानों को अब यह अलग अलग पर्याय उपलब्ध होने से नुकसान मुआवजा मिलने में मदद होगी.

    7 हजार 59 हेक्टेयर में फसल का नुकसान

    जिले में गत वर्ष 30 अगस्त से 1 सितंबर के दौरान हुई अतिवृष्टि से 7 हजार 59 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल का नुकसान हुआ था. शासन ने नुकसान मुआवजा के लिए 8 करोड़ 73 लाख रु. का प्रस्ताव दिया था. जबकि बीमा कंपनी ने 2 करोड़ रु. का नुकसान मुआवजा दिया. इसके बाद किसानों ने फसल का बीमा कराने से मुंह मोडना शुरू कर दिया है.

    किसानों को होगा सुलभ-घोरपड़े

    जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी गणेश घोरपड़े के अनुसार  नैसर्गिक आपत्ती से फसल के नुकसान होने पर फसल बीमा धारक किसानों को उसकी जानकारी बीमा कंपनी के टोल फ्री क्रमांक पर देनी पड़ती थी. पूर्व में केवल दो ही पर्याय उपलब्ध थे. अब 6 पर्याय होने से नुकसान की जानकारी देना सुलभ हो गया है.