टीकाकरण होने पर ही सामाजिक, सांस्कृतिक कार्य में भाग ले सकेंगे नागरिक

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    गोंदिया. हालांकि कोरोना की दूसरी लहर कम हो गई थी, लेकिन तीसरी लहर के संभावित जोखिम को देखते हुए टीकाकरण जरूरी हो गया है. सरकार ने आर्थिक, सामाजिक और मनोरंजक क्षेत्रों में पूरी तरह से टीकाकरण वाले व्यक्तियों पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है. क्योंकि टीकाकरण निजी और साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं पर तनाव को कम करने में मदद करता है.

    यदि आप किसी सामाजिक, सांस्कृतिक, खेलकूद, मनोरंजक कार्यक्रम का आयोजन करना चाहते हैं और उसमें भाग लेना चाहते हैं, तो टीकाकरण को प्राथमिकता दी जाती है और यात्रा के लिए भी टीकाकरण करना आवश्यक हो गया है.  एथलेटिक्स, अतिथि, खिलाड़ी आदि को पूरी तरह से टीका लेना आवश्यक है. इसके अलावा कोई भी प्रतिष्ठान मॉल, समारोह, सम्मेलनों आदि स्थानों में टीकाकरण करने वाले व्यक्तियों ने ही प्रबंधन करना चाहिए.

    सभी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में पूरी तरह से टीकाकरण करने वाले व्यक्तियों को ही प्रवेश मिलेगा. राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया यूनिवर्सल पास पूर्ण टीकाकरण का एक वैध प्रमाण होगा. 18 वर्ष से कम उम्र के नागरिकों के लिए, एक सरकारी संस्थान या स्कूल द्वारा जारी एक फोटो या पहचान पत्र और एक चिकित्सा व्यवसायी से प्रमाण पत्र का उपयोग प्रवेश के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है.

    50 प्रश. उपस्थिति को ही प्राथमिकता

    सिनेमा  घर, नाट्य गृह, मंगल कार्यालय, सभागृह जैसे किसी आयोजन या समारोह में जगह की क्षमता के अनुसार 50 प्रश. लोगों को ही प्रवेश मिलेगा. किसी भी समारोह के लिए खुले स्थान की क्षमता के अनुसार 25 प्रश. लोगों को अनुमति दी जाएगी. यदि उपस्थित लोगों की संख्या 1000 से अधिक है तो ऐसी सूचना आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को देनी होगी. ऐसा नहीं करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

    पहले टीका बाद में यात्रा

    किसी भी अंतरराष्ट्रीय गंतव्य के साथ-साथ घरेलू यात्रियों से राज्य में आने वाले सभी यात्रियों को पहले टीका लगाया जाना चाहिए या 72 घंटे के लिए वैध आरटीपीसीआर प्रमाणपत्र आवश्यक है.

    दंड का प्रावधान

    केवल वे लोग जिन्हें टीके की दोनों खुराकें मिली हैं या जिन्हें दूसरी खुराक लेने के बाद 14 दिनों तक टीका लगाया गया है, उन्हें टीका लगाया गया है ऐसे लोगों को छूट दी जाएगी. मास्क, हैंड सैनिटाइजर, साबुन, पानी और थर्मल स्कैनर का प्रयोग अनिवार्य है. जो कोई भी कोविड नियमों का पालन नहीं करेगा उस पर 500 रु. का दंड ठोका जाएगा. आस्थापना व संस्थाओं को दंड की रकम 10 हजार रु. होगी वहीं किसी संस्था ने व आस्थापना ने प्रमाण कार्यचालन कार्य पद्धति का पालन नहीं किया तो 50 हजार रु. दंड भी भरना पड सकता है.