Crop Damage
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    • अर्जुनी मोरगांव तहसील सबसे प्रभावित

    गोंदिया. जिले में पिछले सप्ताह हुई अतिवृष्टि से बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है. जिससे सैकड़ों किसानों की फसल चौपट हो गई है. जिला कृषि विभाग ने 430.11 हेक्टेयर में फसल के नुकसान होने का प्राथमिक अहवाल प्रस्तुत किया है. इसमे सबसे अधिक 210 हेक्टेयर में धान और सब्जी भाजी फसल नुकसान का समावेश है. इतना ही नहीं सबसे अधिक नुकसान अर्जुनी मोरगांव तहसील में होने की बात कही गई है. लेकिन कृषि विभाग के प्राथमिक अनुमान की अपेक्षा प्रत्यक्ष में 1300 हेक्टेयर में फसलों का नुकसान हुआ है. जिससे कृषि विभाग ने पारदर्शक तरीके से सर्वेक्षण करें ऐसा किसानों का कहना है.

    जिले में पिछले सप्ताह भारी अतिवृष्टि हुई थी. जिससे अर्जुनी मोरगांव, सड़क अर्जुनी और देवरी तहसील के कुछ गांवों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई थी. इसी में अर्जुनी मोरगांव तहसील के नवेगांवबांध, पिंपलगांव, बोरटोला, सावराटोला सहित अनेक गांवों की सैकड़ों हेक्टेयर में धान व सब्जी भाजी की फसल तीन चार दिन बाढ़ के पानी में थी. जिससे कई किसानों की रोपाई बह गई तो कुछ किसानों की रोपाई सड़ गई.

    इस बाढ़ से सब्जी भाजी की फसल बह जाने से किसानों का आर्थिक नुकसान हो गया है. इसी तरह सड़क अर्जुनी व देवरी तहसील में भी कुछ प्रमाण में फसलों का नुकसान हो गया है. जिससे इस नुकसान के सर्वेक्षण कर नुकसान मुआवजा देने की मांग किसानों ने की थी. इसके बाद कृषि विभाग ने सर्वेक्षण की शुरूआत की है. इसमें कृषि विभाग ने नुकसान के प्रस्तुत किए प्राथमिक अहवाल में 430.11 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों के सबसे अधिक नुकसान होने का अहवाल जिलाधीश को सौंपा है. यह प्राथमिक अहवाल है इसमें वृद्धि या कमी हो सकती है. ऐसा कृषि विभाग का मानना है.

    नुकसान का वस्तु परक सर्वेक्षण करें

    जिले में बाढ़ से फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हो गया है. वहीं कुछ क्षेत्र के किसानों पर अतिवृष्टि से असर पड़ा है. जिससे राजस्व और कृषि विभाग की यंत्रणा  इस नुकसान का सर्वेक्षण करते समय वस्तु परक करें. जिससे किसान नुकसान मुआवजा मिलने से वंचित नहीं रहेंगे. ऐसी मांग किसानों ने की है.

    केवल सांत्वना नहीं

    जिले में अतिवृष्टि व बाढ़ से हुए फसलों के नुकसान का निरीक्षण करने के लिए फिलहाल सांसद व विधायक किसानों के  खेतों में पहुंचकर फसलों का निरीक्षण कर किसानों को सांत्वना दे रहे हैं. लेकिन केवल सांत्वना से क्या होगा, जबकि नुकसान का अधिकाधिक मुआवजा मिले इसके लिए प्रयास किया जाना चाहिए ऐसी किसानों ने अपेक्षा व्यक्त की है.

    जलाशयों में 50 प्रश. से अधिक जलसंग्रह

    जिले में 1 जून से 26 जुलाई के दौरान औसत 720.1 मिमी. बारिश दर्ज की गई है. जिसका प्रश. 133.2 प्रश. है. इस दमदार बारिश से जिले के जलाशयों में जलस्तर बढ़ गया है. जिले के सभी प्रमुख जलाशयों में 50 प्रश. से अधिक जलसंग्रह है.

    राजस्व विभाग कब करेगा सर्वेक्षण

    अतिवृष्टि व बाढ़ से धान फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हो गया है. रोपाई बह जाने से किसानों पर मौसम से वंचित रहने की नौबत आ गई है. लेकिन राजस्व विभाग ने हुए नुकसान के पंचनामे करने की अब तक शुरुआत नहीं की है. जिससे किसानों में असंतोष व्याप्त है.

    तहसील अनुसार फसलों का नुकसान

    जिले की अनेक तहसीलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से फसलों का नुकसान हुआ है. तहसील अनुसार फसलों का विवरण निम्नानुसार है. इसमें गोंदिया प्रभावित गांव 16 है. जिसमें 123.40 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित है. गोरेगांव 10 गांवों में 48.85 हेक्टेयर, तिरोड़ा के 4 गांवों में 37.5 हेक्टेयर, अर्जुनी मोरगांव के 32 गांवों में 210.40 हेक्टेयर, देवरी 1 गांव में 0.16 हेक्टेयर, सालेकसा 1 गांव में 1 हेक्टेयर व सड़क अर्जुनी तहसील के 9 गांवों में 8.80 हेक्टेयर इस तरह कुल 73 गांवों में 430.11 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों के नुकसान का समावेश है.