गोंदिया. अचानक मौसम में हुए बदलाव के कारण विभिन्न तहसीलों में सैकड़ों मवेशियों को मुखखुरी और पैरखुरी जैसी संक्रामक बीमारियां देखी जा रही हैं. इसके कारण मवेशियों के संक्रमित होने की जानकारी पशुपालक दे रहे हैं. पिछले वर्ष से पशु चिकित्सा वैक्सीन की अनुपलब्धता के कारण, पशुपालकों की चिंता बढ़ने वाली है. इस बीमारी से निजात पाने के लिए मवेशियों को तत्काल टीका लगवाना जरूरी है.
पशुपालक व डेयरी व्यवसायियों पर संकट
पिछले सितंबर और अक्टूबर में भारी बारिश के कारण खरीफ उत्पादन में के गिरावट आयी है. दिन-ब-दि बढ़ती महंगाई और अन्य संकटों ने पशुपालकों सहित किसानों के परेशानी में डाल दिया है. ऐसे में पशुपालक और डेयरी व्यवसाय कर रहे लोगों को अपना दैनिक खर्च निकालना मुश्किल हुआ है.
पशुओं के इलाज पर ध्यान देने की जरूरत
तहसील में मवेशियों की संक्रामक बीमारियों के कारण उनकी परेशानी और बढ़ गयी हैं. जिले में यह बीमारी देखी गयी है. इस बीमारी में मवेशी के पैर के घाव में कीट हो जाते हैं. इससे मवेशी खाना-पीना बंद कर देते हैं और चलने में दिक्कत होती है. इस बीमारी को नियंत्रित के लिए निवारक टीका अनेक दिनों से उपलब्ध नहीं होने की जानकारी मिली है.
टीकाकरण व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग
पशुओं को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए सरकार को आवश्यक टीके उपलब्ध कराने की जरूरत है. साथ ही टीकाकरण के संदर्भ में जनजागृति कार्यक्रमों के साथ विशेष अभियान चलाना तथा टीकाकरण अभियान चलाना आवश्यक है. इस रोग से निजात पाने के लिए पशुओं का तत्काल टीकाकरण कराने की मांग पशुपालक कर रहे हैं.