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    गोंदिया. आमदनी अठ्ठनी, खर्चा रूपया इस कहावत की तरह जिप की आय केवल नाम के लिए साबित हो रही है. जिप की अनेक प्रॉपर्टी से मिलने वाली आय कम हो रही है. इसके लिए जिप प्रशासन का उदासीन रवैया जिम्मेदार है. कोरोना काल में लादे गए प्रतिबंध हटा दिए गए है  लेकिन जिप प्रशासन को आय बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बाजारों की नीलामी का मुहूर्त नहीं मिला था. आखिर जिप प्रशासन की नींद खुली और जिले के 6 प्रमुख साप्ताहिक बाजार व यात्रा स्थल की नीलामी करने का मुहूर्त निकला.

    जिप की आय में अनेक विषयों का समावेश है. विशेष बात यह है कि टैक्स प्रणाली यह आय का महत्वपूर्ण साधन है. जिले के साप्ताहिक बाजारों से जिप को लाखों रु.की आय प्राप्त होती है. इसके बावजुद जिप प्रशासन की इस संबंध में उदासीन है. उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में लगभग 2 वर्ष साप्ताहिक बाजार बंद थे. उसके चलते बाजारों की नीलामी नहीं की जा सकी  लेकिन 6 माह पूर्व जिला प्रतिबंधात्मक नियमों से मुक्त हो गया है.

    बाजार भी पूर्ण क्षमता के साथ भरने लगे है. जबकि 6 महीने से जिप ने बाजारों की नीलामी नहीं की थी. जिससे जिप की लाखों रु. की आय पर तथा कथित ठेकेदार व स्थानीय स्वराज्य संस्था के पदाधिकारी राजस्व के व्यारे न्यारे कर रहे थे. इसमें विलंब से ही सही जिप की आय बढ़ाने के लिए नींद खुल गई. जिससे जिले के 6 प्रमुख साप्ताहिक बाजारों की 6 महीने के लिए नीलामी करने का मुहूर्त निकल गया. इसमें 1 अक्टुबर से 31 मार्च इन 6 महीनों के लिए 29 सितंबर को जिप के सभागृह में नीलामी की जाएगी.

    इसमें गोंदिया तहसील अंतर्गत रावनवाड़ी, तिरोड़ा तहसील में मुंडीकोटा, सालेकसा तहसील में कोटजंभोरा, देवरी तहसील में सावली-डोंगरगांव, गोरेगांव तहसील में चोपा, सड़क अर्जुनी तहसील में सौंदड़ व अर्जुनी मोरगांव तहसील में नवेगांवबांध का समावेश है. इसी तरह यात्रा स्थलों के लिए पहचाने जाने वाले  बाजारों में तिरोड़ा तहसील अंतर्गत डाकराम सुकड़ी, गोरेगांव में पोंगेझरा, अर्जुनी मोरगांव में प्रतापगड़ तथा सड़क अर्जुनी तहसील में पांढरी आदि का समावेश है.