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    गोंदिया. पिछले दो वर्ष से आए कोरोना से शालाएं पुर्ण रूप से बंद थी. जिससे विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हो गया. इसके बावजूद शिक्षक संगठनों की मांग अनुसार शिक्षण विभाग ने दिवाली की छुट्टियां 22 नवंबर तक बढ़ाकर शैक्षणिक क्षेत्र के साथ खेल किया है. ऐसा आरोप पालकों ने लगाकर छुट्टियों को लेकर की गई गडबड को समाप्त कर तत्काल शालाएं शुरू करने की मांग की है.

    शिक्षण विभाग ने 28 अक्टूबर को दिवाली छुट्टियों का परिपत्रक जारी कर दिवाली की छुट्टी 1 से 14 नवंबर इस अवधि के लिए घोषणा की थी. लेकिन 12 नवंबर को शासन ने राष्ट्रीय सर्वेक्षण टेस्ट परीक्षा लेने का निश्चय करने से 10, 11 व 12 नवंबर को शाला शुरू रखने का आदेश जारी किया. इसके अनुसार शाला शुरू हुई.

    लेकिन शिक्षक संगठनों की मांग अनुसार पुन: 22 नवंबर तक दिवाली की छुट्टियों में वृद्धि की गई. कोरोना काल में शिक्षकों को मिली छुट्टियां कुछ कम हो गई क्या? ऐसा सवाल पालकों ने किया है. दिवाली की छुट्टियों में की गई वृद्धि से विद्यार्थियों के शैक्षणिक नुकसान होने का आरोप पालकों ने लगाया है. इतना ही नहीं शिक्षक यह पालकों के कोपभाजन का शिकार हो रहे है.

    शिक्षक संगठन की ताल पर नाचने वाले शिक्षण विभाग हर दिन नए नए छुट्टियों के पत्रक निकालकर विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान करने में लगा हुआ है. उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में मिली दीर्घ छुट्टियों का उपयोग कर कक्षा 5वीं से 12वीं तक कक्षा नियमित शुरु हुई थी.

    जबकि कक्षा पहली से चौथी तक प्राथमिक शिक्षण शाला अब भी बंद हैं. जिससे उन शिक्षकों को छुट्टियां बढाकर देने की क्या जरूरत थी ?कोरोना संक्रमण काल में हुआ विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान यह कम है क्या ? इसका विचार शिक्षक संगठन ने क्यों नहीं किया ? ऐसा सवाल पालकों द्वारा किया जा रहा है.