खाद्य तेल उत्पादन को मिलेगी गति, शासन ने वार्षिक कृति ब्यौरा किया मंजूर

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    गोंदिया. खाद्य तेल के उत्पादन बढ़ाकर देश को खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने के लिए शासन तेल बीजाई खाद्यान्न बुआई को गति देगा. इसके लिए 2022-23 इस आर्थिक वर्ष में क्रियान्वित किए जाने वाले कृति ब्यौरे को मंजूरी प्रदान की गई है. केंद्र सरकार ने सन 2022-23 से राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा अभियान का रूपांतर राष्ट्रीय खाद्य तेल अभियान में किया है.

    केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल अभियान अंतर्गत तेल बीजाई वाली खाद्यान्न फसल के लिए 25 मई 2022 को 5983.33 लाख रु. के वार्षिक कृति ब्यौरा मंजूर किया है. उसे 2 जून 2022 के शासन निर्णय अनुसार प्रशासकीय मान्यता प्रदान की है. केंद्र सरकार ने 7 जुलाई 2022 के पत्रानुसार खाद्य तेल अभियान के लिए सन 2022-23 इस वर्ष कुल 45.99 लाख रु. का वार्षिक कृति ब्यौरा मंजूर किया है.

    इसी तरह केंद्र सरकार ने 14 जुलाई 2022 के आदेशानुसार राष्ट्रीय खाद्य तेल अभियान अंतर्गत धान के पड़ क्षेत्र में तेल बीज उत्पादन बढ़ाने के लिए सन 2022-23 इस वर्ष के वार्षिक कृति ब्यौरे को मंजूर किया है. इसके अनुसार कृषि आयुक्तालय ने क्रमश: 8 जुलाई 2022 व 15 जुलाई 2022 के पत्र अनुसार प्रस्तुत किए राष्ट्रीय खाद्य तेल अभियान अंतर्गत व राष्ट्रीय खाद्य तेल अभियान के तहत धान खेती के पड़ीत क्षेत्र में तेल बीजाई के उत्पादन बढ़ाने के लिए वार्षिक कृति ब्यौरा सन 2022-23 के लिए प्रशासकीय मान्यता प्रदान करने का निर्णय लिया है.

    केंद्र सरकार ने 23 मार्च 2021 के ज्ञापन में सुधार कर कार्य पद्धति अनुसार 2 अगस्त 2021 के शासन निर्णय में केंद्र पुरस्कृत योजना की निधि वितरण व विनियोग व्यवस्थापन के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल अभियान अंतर्गत तेल बीजाई अनु.जाति, अनु.योजना एसएनए मार्क की गई है. केंद्र सरकार के उक्त अभियान अंतर्गत निर्धारित किए प्रमाण में अनु.जाति, अनु.जमाति तथा महिला किसान लाभार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जाए ऐसा परिपत्रक में कहा गया है.

    कृति ब्यौरे अनुसार योजना पर क्रियान्वयन करने के आदेश

    केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा अभियान अंतर्गत राज्य शासन को सन 2022-23 के लिए 7 जुलाई 2022 व 14 जुलाई 2022 को पत्र अनुसार दी गई प्रशासकीय मान्यता व शुरू वर्ष में अभियान के लिए मंजूर किए कृति ब्यौरे के अनुसार समय समय पर केंद्रीय मंत्रालय ने दिए दिशा निर्देशानुसार उक्त अभियान का क्रियान्वयन करना अनिवार्य है. इस संदर्भ में संचालक राज्य स्तर पर अभियान का सनियंत्रण करें यह भी कहा गया है.