अवैध शराबबंदी को लेकर महिलाओं का एल्गार

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    सड़क अर्जुनी. यशवंत ग्राम चिचटोला में 2003 से पूरे गांव में शराबबंदी थी.  कोरोना काल में लॉकडाउन  के दौरान एक व्यक्ति द्वारा गांव में अवैध शराब बेचना शुरू कर दिया. जिससे गत 8 से 10 माह से यह कारोबार फल-फूल रहा है और अवैध धंधे का बोलबाला है. गांव में शुरू अवैध शराब बिक्री बंद करने 5 सितंबर को उन्नति ग्राम संघ चिचटोला और सभी बचत गट की महिलाओं ने अवैध शराब विक्रेता सिरेश बांबोडे के घर पर मार्च निकाला.  

    राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज ग्राम स्वच्छता अभियान के तहत राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार, निर्मल ग्राम व खुले में शौच मुक्त गांव जैसे अनेक पुरस्कार  चिचटोला गांव को मिले है. गांव में कुल 16 बचत गट है  और सभी उम्मेद अभियान से जुड़े हुए हैं. यहां सन 2003 से शराब बंदी है लेकिन गत 10 माह से यहां अवैध शराब की बिक्री जोरों से शुरू है. 

    इस मुद्दे को उठाते हुए महिलाओं ने डुग्गीपार थाने में 4 सितंबर को शिकायत दर्ज कराई है. वहीं ग्राम पंचायत व विमुस समिति में भी शिकायत की.  2003 से 2020 तक शराब की बिक्री बंद कर दी गई थी लेकिन कोरोना काल के दौरान बांबोडे ने यहां अवैध शराब बिक्री का व्यवसाय शुरू कर दिया जिससे गांव का वातावरण प्रभावित हो रहा है.

    अवैध कारोबार को बंद करने महिलाओं ने शराब विक्रेता के घर पर मोर्चा निकाला. मोर्चे का नेवृत्व ग्राम संघ अध्यक्ष अनिता अनिरुद्ध  बांबोडे, सरपंच सचिन येसनसुरे, पुलिस पटेल राजानंद  बांबोडे, सदाशिव कापगते, संघमित्रा वाडवे, कल्पना वाडवे,  गीता वाडवे, सीमा उइके, हेमलता मेश्राम, शालिनी वैद्य, मायावती वैद्य, इंद्रकांता गजभिये, मेघा कापगते, प्रिति बांबोडे, वंदना वाडवे, सरीता कापगते, सुनीता वाडवे, वैशाली कापगते, निर्मला येसनसुरे आदि ने किया. जिसमें गांव के बचत गट की 200 महिलाएं शामिल थी.