काटीनगर/गोंदिया. बिरसोला से गोंदिया के बीच रेल लाईन पर बड़ा हादसा होते बच गया. यह घटना रोंगटे खड़े कर देने वाली थी. संयोग से घातक दुर्घटना नहीं हुई. इसके बावजूद रेल प्रशासन की चुप्पी को लेकर व्यापक चर्चाएं व्याप्त हैं क्योंकि घटना को लेकर प्रशासन का कोई अधिकारी मीडिया को कुछ भी बताने से कतरा रहा था.
यहां तक की स्थानीय रेल अधिकारियों को भी निर्देश दे दिए गए थे कि इस विषय में किसी से कोई बात न करें. बेहतर हो यह होता की स्वयं रेल प्रशासन अपने स्तर पर घटना क्रम की विस्तृत जानकारी प्रसारित करता लेकिन न जाने क्यों पूरी तरह से मौन साधे रखा गया. घटना क्रम को लेकर क्या कार्रवाई की गई है वह जानने के लिए सभी उत्सुक है.
जानकारी के अनुसार बिरसोला से गोंदिया के बीच रेल लाईन पर 21 दिसंबर को सुबह लगभग 11 बजे इनबाक्स मालगाडी जिसमें पिछे की ओर डेड पावर (नं WAG 9HC 32977) लगकर जा रहा था जो बिरसोला- गात्रा के बीच में किमी. संख्या 1014/1 के पास पिछे लगा इंजन मालगाड़ी से अलग होकर (बिरसोला स्टेशन) की ओर वापस चलने लगा.
जिसे रोकने का प्रयास सहायक लोको पायलट द्वारा किया गया लेकिन उसे रोका नहीं जा सका, लोको पायलट द्वारा इसकी सुचना तत्काल स्टेशन मास्टर बिरसोला को देने के पश्चात सभी रेल्वे फाटक तुरंत बंद करने के निर्देश दिए गए. बिरसोला स्टेशन में लाईन क्र. 3 में पोर्टर ललन यादव, सुशांत डाहाट व एसएनटी स्टाफ तथा ग्रामीणों की सहायता से इंजन को सुरक्षित रोक लिया गया.
बिरसोला स्टेशन के कर्मचारियों की समय सूचकता व ग्रामीणों की मदद के कारण बडी दुर्घटना होने से बच गई. अन्यथा बिना ड्राइवर के इस इंजन से घातक दुर्घटना की प्रबल संभावना थी. इस वजह से समनापुर गोंदिया पैसेंजर 2 घंटा लेट हो गई. लंबी दुरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को भी परेशानी भुगतनी पड़ी.
देर रात तक चलती रही अधिकारियों की बैठक
इस विषय को लेकर मंडल स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों की देर रात तक बैठक चलती रही तथा ऐसी संभावना है कि 22 दिसंबर को घटना को लेकर अधिकृत तौर पर जानकारी दी जाएगी.