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    देवरी. तहसील के अति दुर्गम, आदिवासी व नक्सलग्रस्त ग्राम म्हैसुली में बस सेवा शुरू करने के प्रयास नियमों के जाल में फंसकर अब तक प्रलंबित हैं.

     देवरी तहसील के दुर्गम म्हैसुली गांव तक बस सेवा शुरू करने के लिए पिछले साल से स्थानीय स्तर पर अनेक प्रयास के बाद भी अब तक इस मार्ग पर बस सेवा शुरू नहीं होने से नागरिकों को आवागमन में भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.

     म्हैसुली के उप सरपंच ईश्वर कोल्हारे द्वारा बस सेवा शुरू करने के लिए रापनि को   ज्ञापन  देने के पश्चात मार्ग का सर्वेक्षण कर कुछ सुझाव दिए गए थे. जिसके बाद  मरामजोब – मंगेझरी- म्हैसुली-मगरडोह मार्ग पर बस सेवा शुरू करने की मंजूरी दी थी.

    उपरोक्त मार्ग पर बस सेवा शुरू करने के उद्देश्य से   कोल्हारे द्वारा वन विभाग, सार्वजनिक निर्माण विभाग के साथ ही सभी संबंधित अधिकारियों से भेंट कर बस सेवा शुरू करने में आ रही समस्या के तत्काल निवारण  की मांग की गई लेकिन  किसी के स्तर पर  कोई सकारात्मक पहल नहीं होने के कारण  मामला ठंडे बस्ते में चला गया.  इस क्षेत्र के नागरिकों को चिकित्सीय, वाणिज्य और शैक्षणिक  के साथ अन्य दैनिक जरूरतों के लिए तहसील मुख्यालय देवरी सहित अन्य क्षेत्रों में आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

    घने जंगल से घिरे देवरी तहसील के ग्राम म्हैसुली में सुचारू रूप से बस सेवा शुरू करने के लिए वन विभाग, व्याघ्र प्रकल्प तथा सार्वजनिक निर्माण विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र की जरूरत थी जिसके लिए  कोल्हारे द्वारा सतत पत्र-व्यवहार किया गया लेकिन  कोई प्रतिसाद नहीं मिला और यह सेवा शुरू नहीं हो पाई.  

    म्हैसुली व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को आवागमन में हो रही परेशानियों व प्रशासन द्वारा नागरिकों कि मांग को नजरअंदाज करने के रुख को देखते हुए  कोल्हारे ने  इसे लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है.