9 lakh bogus seed seized, action of SP special team
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    गोंदिया. जिले में खरीफ मौसम की शुरूआत हो गई है. किसान धान बीजाई के लिए भागदौड़ कर रहे है वहीं दुसरी ओर इसी अवसर का लाभ उठाकर जिले के कृषि संचालक अतिरिक्त दर निर्धारित कर खाद व बीजाई की बिक्री से किसानों की लूट कर रहे है. इस सब कारगुजारी के बावजुद कृषि यंत्रणा हमारे पास कोई शिकायत नहीं कहकर अनदेखी कर रही है. गोंदिया जिले को धान उत्पादक जिले के रुप में पहचाना जाता है. इस जिले में 1 लाख 90 हजार हेक्टर क्षेत्र में खरीफ मौसम में धान की बुआई की जाती है.

    इसके अनुसार कृषि विभाग सहित किसान काम पर जुट गए है. इसी में हर वर्ष आवश्यक खाद की अपेक्षा अधिक खाद की पूर्ति हो, खाद की कमी न हो इस उद्देश्य से खाद की मांग की जाती है. पिछले वर्ष खरीफ मौसम में 61 हजार 680 मैट्रिक टन खाद की मांग थी. इस वर्ष 66 हजार 650 मैट्रिक टन खाद की पूर्ति की गई है. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष खाद का दाम बढ़ा है. इसमें यूरिया 22,230 मैट्रिक टन डीएपी 2260 मैट्रिक टन, सिंगल सुपर फास्फेट 14,370 मैट्रिक टन, म्युरेट ऑफ पोटेश 1190 मैट्रिक टन अधिक पूर्ति की गई है.

    इसके अनुसार गोंदिया जिले में खाद की कमी नहीं है. फिर भी कृषि केंद्र के संचालक खाद की कृत्रिम कमी दिखाकर तथा खाद नहीं मिल रहा बताकर किसानों के निर्धारित दर की अपेक्षा अतिरिक्त दर पर खाद की बिक्री कर लूट कर रहे है. इसी तरह धान की बीजाई की बिक्री मनमर्जी अनुसार कर रहे है. इतना ही नहीं जिले के अधिकांश कृषि केंद्रों पर कृषि विभाग के सभी नियमों को धता बताकर खाद व बीजाई की बिक्री कर रहे है.

    यह गोरखधंदा जोरों से खुलेआम शुरू है. जबकि कृषि विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ रखकर बैठे है. कृषि विभाग कार्रवाई के नाम पर संबंधित कृषि केंद्र के संचालकों को नोटिस थमा देता है. जिससे कृषि केंद्र के अवैध व्यवहार की शिकायत किससे करें ऐसा सवाल किसानों के समक्ष निर्मित होने लगा है.

    उडऩ दस्ते की कार्रवाई पर नजर

    जिले में खाद व बीजाई तथा कृषि संबंधी अन्य सामग्री की बिक्री में कोई भी अनुचित कार्य न हो इसके लिए कृषि विभाग द्वारा उडऩ दस्तों का गठन किया गया है. तहसील, जिला तथा उपविभागीय कृषि अधिकारी स्तर पर यह दल कार्यरत है. कृषि दल के माध्यम से नियमित कृषि केंद्रों का निरीक्षण व जांच की जाती है. लेकिन किसी भी कृषि केंद्र को निलंबित करने की कार्रवाई नहीं होने से उड़न दस्ते की कार्रवाई पर लोगों की नजरें लगी है.

    गोरेगांव का एक कृषि केंद्र व गोदाम सील

    नागपुर के उडऩ दस्ते ने गोरेगांव स्थित आदिनाथ कृषि केंद्र की जांच की है. जिसमें आदिनाथ कृषि केंद्र के पास रखा खाद व बीजाई का स्टॉक बिना लायसेंस गोदाम में दिखाई दिया. इस संदर्भ में कृषि केंद्र के संचालक से पुछताछ की गई. इस गोदाम के संदर्भ में कोई भी लायसेंस नही होने की बात सामने नहीं आई है. जिससे आदिनाथ कृषि केंद्र के गोदाम सील किए गए है. इसी तरह खाद व बीजाई की बिक्री बंद करने के आदेश दिए गए है.

    एग्रो प्रोड्युसर कंपनी के नाम पर अवैध बिक्री

    केंद्र सरकार ने दो वर्ष पूर्व कृषि संदर्भ में किए 3 कानून में एग्रो प्रोड्युसर कंपनी को महत्व दिया था. जिससे अनेक व्यवसायियों ने व बड़े किसानों ने अॅग्रो प्रोड्युसर कंपनी की निर्मिती की है. जबकि आज उसी अॅग्रो प्रोड्युसर कंपनी के नाम पर जिले में अवैध रूप से खाद व बीजाई की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है. इस ओर कृषि विभाग दुर्लक्ष कर रहा है.