Farmers waiting for irrigation despite spending huge amount

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गोंदिया.  तहसील के 19 गांवों में किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए 10 साल पहले तेढ़वा-शिवनी उप सिंचाई योजना को मंजूरी दी गई थी. इस योजना पर अब तक 200 करोड़ रु. की निधि खर्च की  जा चुकी है लेकिन इस योजना में पानी का संग्रह नहीं होने से किसानों ने पानी का उपयोग कैसे करे ऐसा सवाल किया है.  तेढ़वा-शिवनी उप-सिंचाई योजना की नींव 2010 में रखी गई थी ताकि किसानों को दोगुनी फसल मिल सके और सूखे की स्थिति का सामना न करना पडे. 

इस योजना के माध्यम से डांगोरली, तेढ़वा सहित लगभग 19 गांवों के 3212 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई से लाभान्वित किया जाना था. इस योजना के लिए 106.55 करोड़ की निधि स्वीकृत की गई थी. बढ़ी हुई प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद इस योजना पर 200 करोड़ की निधि खर्च की गई. योजना को 2020 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. उसी के अनुसार योजना का काम किया गया. योजना के नहर का कार्य अभी भी प्रगति पर है. लेकिन नहर से पानी कहां भेजा जाएगा ? ऐसा सवाल किसानों ने किया है.

पानी रोकने की कोई योजना नहीं 

उपसा सिंचाई योजना स्थापित करने से पहले पानी राकने के लिए कोई योजना नहीं की गई. जिससे मार्च, अप्रैल, मई व जून माह में पानी नहीं बच पाता. इसलिए कहा जा रहा है कि यह योजना किसानों के किसी काम की नहीं है. संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा योजना तैयार करने से पहले इसकी योजना बनाने की आवश्यकता थी.