Gondia-Amgaon Road

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गोंदिया. पिछले डेढ़ वर्षों से नेशनल हाईवे गोंदिया-आमगांव मार्ग का काम धीमी गति से चल रहा है. गोंदिया जिला परिषद कार्यालय के पास मार्ग पर पांगोली नदी पर पुल का निर्माण कार्य शुरू है. पांगोली नदी के पात्र से डायवर्सन मार्ग बनाया गया है. लेकिन 8 व 9 जुलाई को हुई बारिश के कारण वैकल्पिक मार्ग पर नदी का पानी बढ़ने से इस मार्ग को बंद कर दिया गया. जिससे गोंदिया-आमगांव का संपर्क टूट गया और यातायात की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है.

उल्लेखनीय है कि नेशनल हाईवे क्र. 543 अंतर्गत गोंदिया-आमगांव मार्ग का पिछले डेढ़ वर्षों से काम चल रहा है. लेकिन काम की गति धीमी होने से निर्धारित कालावधी में काम पूरा नहीं हो पा रहा है. जिला परिषद कार्यालय के पिछे से पांगोली नदी प्रवाहित है. इस नदी के पुल को तोड़कर नया पुल तैयार किया जा रहा है.

पुल का निर्माण कार्य शुरू होने से पांगोली नदी के पात्र से कच्ची सड़क तैयार कर इस सड़क से आवागमन शुरू किया गया है. लेकिन बारिश के मौसम में आवागमन में बाधा उत्पन्न हो सकती है. क्योकि पांगोली नदी को इतनी बाढ़ आ जाती है, ऐसी संभावना जताई गई थी. जो सच साबित हो गई. 8 व 9 जुलाई की सुबह तेज बारिश हुई.

संबंधित विभाग द्वारा लिए गए बारिश के रिकार्ड के अनुसार रविवार को जिले में 50.4 मिमी बारिश रिकार्ड की गई. इस बारिश के कारण पंगोली नदी का जलस्तर बढ़ गया और आज सुबह करीब-करीब इस वैकल्पिक रास्ते से पानी बहने लगा. इसलिए यह रास्ता बंद कर दिया गया. गोंदिया-आमगांव जिले का महत्वपूर्ण मार्ग है. इस सड़क के बंद होने से देवरी, सालेकसा तहसील सहित आमगांव का भी जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. वहीं क्षेत्रवासियों को भी जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए घुम कर आना पड रहा है.

30 किमी. के लिए 60 किमी. का सफर 

बारिश के पूर्व पांगोली नदी पुल निर्माण का काम पुरा नहीं किया गया. नदी में पानी बढ़ने से 9 जुलाई से पांगोली नदी के पात्र की कच्ची सड़क से आवागमन बंद कर दिया गया है. जिससे नागरिकों को गोरेगांव-ठाणा मार्ग होते हुए आमगांव पहुंचना पड़ रहा है. 30 किमी अंतर पार करने के लिए नागरिकों को 60 किमी. का सफर तय करना पड़ रहा है.

भविष्य में बंद रहेगा रास्ता!

जिले में 8 जुलाई से ही बारिश ने अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करा दी है. जिला प्रशासन के मौसम विभाग द्वारा दी गई चेतावनी के अनुसार जिले में 13 जुलाई तक येलो अलर्ट घोषित किया गया है. जिससे नदी का जलस्तर फिर बढ़ेगा और इस मार्ग के बंद होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.