जिले में बाढ़ से ढाई हजार एकड़ क्षेत्र की फसल चौपट

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    गोंदिया. जिले में 9 व 10 अगस्त को हुई अतिवृष्टी से गोंदिया, गोरेगांव व तिरोड़ा तहसील में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई थी. बाढ़ से हजारों हेक्टर में धान और सब्जीभाजी फसलों पर भारी असर पड़ा है. इसमें अनेक किसानों की रोपाई बह गई है. वहीं कुछ किसानों की रोपाई सड़ने से उन पर खरीफ मौसम से वंचित रहने की नौबत आ गई है.

    कृषि विभाग द्वारा किए गए प्राथमिक सर्वेक्षण में ढाई हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का सबसे अधिक नुकसान होने की जानकारी सामने आई है इसमे और वृद्धि होने की संभावना भी कृषि विभाग ने व्यक्त की है. जिले में खरीफ मौसम में 2 लाख 7 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान, सब्जी भाजी व अन्य फसलों की बुआई की गई है. 10- 15 दिन पूर्व ही अनेक किसानों की रोपाई निपट गई. जिले में पिछले तीन दिनों में हुई अतिवृष्टि से नदी नालों मे बाढ़ आने से हजारो हेक्टेयर क्षेत्र की फसल पानी में आ गई. इस बाढ़ का सबसे अधिक असर तिरोड़ा व गोंदिया तहसील पर पड़ा है. इन दोनों तहसीलों में अनेक किसानों की धान फसल व सब्जी भाजी बह गई जिससे उन पर संकट आ गया है.

    बाढ़ से रोपाई सड़ जाने से पुन: रोपाई के लिए रोप कहां से लाए ऐसा प्रश्न उपत्पन्न हो गया है. समाधानकारक बारिश होने व रोपाई के कार्य निपट जाने से किसानों में सप्ताह भर पुर्व आनंद का वातावरण था. लेकिन 9 व 10 अगस्त की अतिवृष्टि में किसानों के आंखों में आंसू ला दिए है. इसमे बड़े पैमाने पर नुकसान होने से शासन द्वारा मिलने वाली मदद के लिए टकटकी लगाने के अलावा दूसरा मार्ग नहीं है. 

    जिले में तहसील अनुसार फसल का नुकसान

    इसमें गोंदिया तहसील अंतर्गत प्रभावित ग्रामों की संख्या 50 है. जिसमे 150 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों की संख्या 448 है. गोरेगांव के 27 ग्राम 132 हेक्टेयर व किसानों की संख्या 339 है. तिरोड़ा के 119 ग्राम 1365 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों की संख्या 2380 है. देवरी के 38 गांव के 136 हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों की संख्या 384 है. आमगांव के 22 गांव में 60 हजार हेक्टेयर में 120 किसान, सालेकसा के 33 गांव के 110 हेक्टेयर में किसानों की संख्या 289, सड़क अर्जुनी के 59 ग्राम के 272 हेक्टेयर में किसानों की संख्या 952 है. इसी तरह 364 गांव की 2225 हेक्टेयर क्षेत्र की फसल चौपट हो गई है. इसमें कुल 4912 प्रभावित किसानों का समावेश है.

    नुकसान लाखों में, मदद मिलेगी हजार में

    जिले में अतिवृष्टि से धान व सब्जी भाजी उत्पादन का बड़े पैमाने पर नुकसान हो गया है. इसमें सैकड़ों किसानों पर खरीफ मौसम से ही वंचित होने की नौबत आ गई है. बाढ़ से लाखों रु. का नुकसान हो गया है. कृषि व राजस्व यंत्रणा के माध्यम से नुकसान का सर्वेक्षण शुरू है. लेकिन शासन द्वारा नुकसान के लिए कौनसा मानक लगाया जाता है इस पर किसानों की नजरे लगी है. वहीं नुकसान लाखों रु. का हो गया है. जबकि मदद हजार में मिलने का किसानों का अब तक का अनुभव है. 

    सतत अवकाश से पंचनामे में विलंब

    जिले में अतिवृष्टि व बाढ़ से हुए नुकसान के सर्वेक्षण करने के आदेश शासन और प्रशासन ने राजस्व व कृषि विभाग को दिए है. लेकिन त्यौहारों की सतत छुट‍्टियां होने से नुकसान के पंचनामे करने में विलंब हो रहा है.