Har Ghar Nal Yojana

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    गोंदिया.  जिले में हर घर नल योजना के तहत सभी ग्रामों में जलापूर्ति की व्यवस्था की गई. प्रादेशिक जलापूर्ति योजना अंतर्गत अनेक गांवों में नलों द्वारा पानी की पूर्ति भी हो रही है, फिर भी अधिकांश गांव के नागरिक ग्रापं के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही जलापूर्ति योजना पर निर्भर है. लेकिन इस योजना अंतर्गत गांवों में जलशुद्धीकरण यंत्र नहीं लगाए गए है. जिससे नलों में मिलने वाला पानी दूषित होने के साथ ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

    प्रशासन से ग्रापं स्तर पर जल शुद्धीकरण यंत्र उपलब्ध करा देने की मांग की जा रही है. जिप अंतर्गत ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के माध्यम से जिले के विभिन्न गांवों में पानी पूर्ति योजना स्थापित की गई है. इन योजनाओं को ग्रापं प्रशासन सहित ग्रामीणों को भारी प्रतिसाद मिल रहा है. नलों से पानी लेने वाले नागरिक पानी टैक्स के माध्यम से शासन को राजस्व दे रहे है. जबकि नलों से मिलने वाला पानी शुद्ध है क्या ऐसा सवाल खड़ा हो रहा है. प्रशासन के माध्यम से केवल पर्याप्त पानी देने पर ही अधिक जोर दिखाई दे रहा है. विशेष कर बारिश के दिनों में नदी नालों में बाढ़ की स्थिति निर्माण होती है.

    उस दौरान नलों से गंदा व मटमैले पानी की पूर्ति की जाती है जो  स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इस बात की जानकारी होने के बाद भी नागरिकों को इस पानी का उपयोग करना पड़ता है. ऐसे समय पर कुछ स्वास्थ्य की समस्या निर्माण होने पर प्रशासन द्वारा उपचार की सुविधा उपलब्ध की जाती है. लेकिन इस तरह की घटनाओं पर प्रतिबंधात्मक उपाय योजना करने की ओर प्रशासन दुर्लक्ष कर रहा है.

    जलापूर्ति पर संदेह

    महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण अंतर्गत जलापूर्ति किए जाने वाले जिले के कुछ महत्वपूर्ण स्थानों को छोड़कर अन्य स्थानों पर जलशुद्धीकरण यंत्र अस्तित्व में नहीं है. जिससे ग्रामीण क्षेत्र में नलों द्वारा उपलब्ध होने वाले जलापूर्ति पर संदेह उपस्थित किया जा रहा है.

    जलकुंभी की सुरक्षा नही 

    जिले के गांव गांव में जलापूर्ति योजना के जलकुंभ अधिकांश गांव के बाहर निर्माण किए गए है. इनके निकट किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं है. जिससे यह सभी जलकुंभ बिना सुरक्षा के दिखाई दे रहे हैं.