जिले के 3 लाख 45 हजार बच्चों की होगी स्वास्थ्य जांच: जिलाधीश गोतमारे

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    • जिले में ‘जागरूक पालक, स्वस्थ बच्चे’ अभियान 9 से
    • स्वास्थ्य व सामूहिक रक्तदान शिविर का आयोजन
    • 0 से 18 साल के लड़के और लड़कियों की जांच 
    • बीमार बच्चों का शीघ्र उपचार

    गोंदिया. जिले में 9 फरवरी से आगामी 60 दिनों तक ‘जागरूक पालक, स्वस्थ बच्चे’ अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान में जिले के सभी विद्यालयों व आंगनवाड़ियों में 0 से 18 वर्ष आयु वर्ग के 3 लाख 45 हजार बच्चों की जांच की जाएगी तथा इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की 272 टीमों का गठन किया गया है. इस निरीक्षण मिशन को अगले 60 दिनों में पूरा करने की योजना है. परीक्षा अवधि के दौरान स्वास्थ्य जांच अस्थायी रूप से बंद रहेगी. जिलाधीश चिन्मय गोतमारे ने सुझाव दिया कि इस अभियान को योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाए और पात्र लाभार्थी पलायन न कर पाएं इसका ध्यान रखा जाए.

    अभियान के सफल आयोजन को लेकर जिलाधीश कार्यालय में बैठक आयोजित की गई. जिप सीईओ अनिल पाटिल, जिला शल्य चिकित्सक डा.अंबरीश मोहबे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. नितिन वानखेड़े, अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश सुतार, जिला क्षय रोग अधिकारी डा. नितिन कापसे, जिला संक्रमण अधिकारी डा. निरंजन अग्रवाल, जिला मलेरिया अधिकारी डा. वेदप्रकाश चौरगड़े उपस्थित थे.  जनस्वास्थ्य विभाग के माध्यम से 0 से 18 वर्ष तक के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के बच्चों की स्वास्थ्य जांच, संदर्भ सेवा, प्रयोगशाला जांच व आवश्यकतानुसार उपचार व शल्य चिकित्सा कराने के लिए 9 फरवरी से “जागरूक पालक, स्वस्थ बच्चे” अभियान चलाया जाएगा.

    जिले के सभी शासकीय व अर्धशासकीय विद्यालय, कनिष्ठ महाविद्यालय, आश्रम विद्यालय, नेत्रहीन व विकलांग विद्यालय, आंगनवाड़ी, बाल गृह, अनाथालय, समाज कल्याण व जनजाति विकास विभाग के छात्रावास, निजी नर्सरी, बालवाड़ी, निजी विद्यालय व कनिष्ठ महाविद्यालय भी 0 से 18 वर्ष तक के स्कूल न जाने वाले बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाएगी. जांच के दौरान बीमार पाये गये बच्चों को तत्काल उपचार व संदर्भ सेवाएं प्रदान की जाएगी.

     जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप जिला चिकित्सालयों व जिला चिकित्सालयों में 9 फरवरी को पूरे दिवसीय स्वास्थ्य व  रक्तदान शिविर का आयोजन किया  जाएगा.  0 से 18 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों की जांच करते समय मुख्य रोग, कटाक्ष, विटामिन की कमी व किशोरियों की समस्याओं पर विचार किया जाएगा.

    20 से 25 तरह के टेस्ट कराए जाएंगे. इस अभियान में बीमार बच्चों का तत्काल उपचार, जरूरतमंद बीमार बच्चों को संदर्भ  सेवाएं प्रदान कर उपचार, निवारक स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रावधान तथा सुरक्षित व स्वस्थ स्वास्थ्य के लिए परामर्श दिया जाएगा. जरूरत पड़ी तो सर्जरी भी की जाएगी. इस अभियान की प्रस्तुति अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश सुतार ने की है.