यात्री प्रतीक्षालयों पर अवैध कब्जे, अधिकांश प्रतीक्षालयों में हुई टूट-फूट, कई हुए पुराने व जर्जर

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    गोंदिया. महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम की बसों का नेटवर्क जिले के गांव-गांव में ग्रामीण व दुर्गम क्षेत्र में पहुंच गया है. बस की प्रतीक्षा हेतु खड़े रहने वाले यात्रियों को धूप, हवा, बारिश से बचाव हो, उनकी अस्थायी रूप से सुविधा हो इसके लिए जिले के अनेक गांवों में शासकीय निधि से यात्री निवास केंद्रों का निर्माण किया गया है. लेकिन समुचित देखभाल के अभाव में वहां अनेक लोगों ने अतिक्रमण कर दुकानें लगा ली हैं. यही नहीं असामाजिक तत्वों के द्वारा भी इन यात्री निवास केंद्रों का दुरुपयोग करने की शिकायतें सामने आ रही हैं. यात्रियों को आने जाने के लिए एसटी बसों की प्रतीक्षा करनी पड़ती हैं.

    इसके लिए सुविधा वाले मार्ग पर स्टापेज व यात्री निवास केंद्रों का निर्माण किया गया है. इसमें अधिकांश यात्री निवास का निर्माण कार्य विधायक व सांसद की विकास निधि से किया गया है. इनका निर्माण किए वर्षों बीत गए हैं और अनेक यात्री निवास टूट फूट गए हैं. कुछ स्थानों पर शेड उड़ गए हैं. फ्लोरिंग उखड़ गई है तथा सीमेंट की कुर्सियां भी टूट फूट गई हैं. इसी तरह कुछ यात्री निवास केंद्र में जानवरों ने आश्रय लिया है और इसी लिए यात्री वहां का उपयोग नहीं कर रहे हैं. अनेक यात्री निवास विज्ञापनों के बैनर व पोस्टर से लद गए हैं.       

    आवश्यक वास्तु बन रहे खंडहर

    जगह-जगह यात्री निवास केंद्रों का निर्माण किया गया है. लेकिन उनकी नियमित स्वच्छता, देखरेख तथा रंगरोगन होना जरूरी है पर इसकी जिम्मेदारी कोई लेने का तैयार नहीं है. जिससे इन यात्री निवास केंद्रों की स्थिति दयनीय है. धूल व कचरे का साम्राज्य फैला है. रेलमपेल होने के बावजूद गांव के यात्री इन प्रतीक्षालयों में बैठने की बजाए आजू बाजू के पानठेलों व चाय टपरी की शरण लेते हैं. इस ओर किसी का ध्यान नहीं होने से यात्री मिलेंगे, उस जगह पर खड़े रहकर बस की प्रतीक्षा करते हैं. 

    कई गांव में 20 साल पुराने हुए प्रतीक्षालय

    गोरेगांव तहसील में गोरेगांव, भडंगा, मुंडीपार, कमरगांव, मोहाडी, चोपा, तिल्ली, मोहगांव, जांभडी, तुमसर, तेढ़ा, निंबा, आंबेतालाब, कालीमाटी, चिल्हाटी, म्हसगांव आदि गांवों में  यात्री निवास केंद्र टूट फूट गए हैं. इसी तरह कटंगी, भुताईटोला, पाथरी, कुरहाडी, हिरापुर, तिमेझरी, बोडुंदा, आसलपानी, खाडीपार, बोरगांव, कवलेवाड़ा, डव्वा तथा बोटे, सोनी आदि स्थानों के यात्री निवास स्थानों को 20 वर्ष से अधिक की अवधि हो गई है. इनकी कभी भी देखभाल व दुरुस्ती नहीं की गई है. इसकी जिम्मेदारी कटंगी के सरपंच ने लेकर दुरुस्ती कार्य किया है. इस अपवाद को छोड़कर कोई सामने नहीं आ रहा है.